– सुप्रीम कोर्ट में लगाई जाएगी गुहार

झांसी। झांसी के ऐतिहासिक किले की पहाड़ी (नींव) की अवैध खुदाई कर स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट के तहत पाथ वे बनवाया जा रहा है जिसमें पहाड़ी(नींव) से काफी बड़े- बड़े बोल्डर/पत्थर गिरा दिए जाने एवं पहाड़ी को काटे जाने से पहाड़ी(नींव) कमजोर हो रही है। यदि इसे नहीं रोका गया तो कालान्तर में झांसी के किले के धसकने की संभावनाओं से इनकार नही किया जा सकता।

उक्त जानकारी देते हुए बुनिमो के अध्यक्ष भानु सहाय ने बताया कि सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में झांसी के पुरातत्व विभाग ने बताया है कि *झांसी दुर्ग एवं दुर्ग के चतुर्दिक भूमि भी केन्द्रीय संरक्षित स्मारक झांसी के किले का हिस्सा है जो कि भारत सरकार द्वारा केंद्रीय स्मारक की सूची में अधिसूचित है।
*भारतीय पुरातत्व सर्वे के एक्ट में प्रावधान है कि प्राचीन स्मारक एवं पुरातात्विक स्थल और अवशेष अधिनियम 2010 के अनुसार हमारी विरासत को सुरिक्षत एवं संरक्षित रखना है। यह राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों के प्रतिषिद्ध क्षेत्र में किसी भी प्रकार का निर्माण, चाहे वह लोक परियोजना ही क्यो न हो न होने देने के सरकार के दृढ़ निश्चय को प्रदर्शित करता है।
उन्होंने बताया कि उक्त हकीकत के विपरीत संबंधित अधिकारियों ने जनता एवं मीडिया को भ्रामक जानकारी देकर अवैध निर्माण जारी रखा हुआ है। मोर्चा के योद्धा झांसी की आन, बान , शान एवं उनकी धरोहर को बचाने के लिए अपनी जान की बाजी लगाने के लिए तैयार है।
बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा ने प्रशासनिक अधिकारियों, महापौर से कार्य रुकवाने का आग्रह किया साथ ही संबंधित विभाग से सूचना के अधिकार में पहाड़ी पर कार्य करने का अनुमति पत्र मंगा।
उन्होंने बताया कि न तो अनुमति पत्र मोर्चा को दिखाया गया और न मीडिया को दिखाया जा रहा है बस पहाड़ी को काटकर अवैध निर्माण कार्य जारी रखा जा रहा है।
निर्माण मोर्चा ने स्वयं जाकर कार्य रुकवाने की बात कही तो पोलिस के द्वारा घर मे नजरबंद करवा दिया गया।
हारकर बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष भानू सहाय द्वारा महापौर, नगर आयुक्त, स्मार्ट सिटी एवं पुरातत्व विभाग झांसी के दो-दो अधिकारियों सहित संबधित अधिकारियों के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को दर्ज कर अवैध रूप से किया जा रहा कार्य रुकवाने का आग्रह किया है। देखना है कि रिपोर्ट दर्ज होती है या नहीं।
प्रथम सूचना रिपोर्ट देते समय मोर्चा अध्यक्ष भानू सहाय ने कहा कि झांसी के किले की पहाड़ी (नींव) को बचाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय तक जाना पड़े तो जाया जाएगा। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि कब जाएंगे। यदि यही हाल रहा तो जब सभी काम पूरा हो जाएगा तब न्यायालय में जा सकते हैं। तब यह कहावत चरितार्थ होगी कि अब पछताए होत क्या चिड़ियां चुग गई खेत।
एस.एस.पी को प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने के किये रघुराज शर्मा, उत्कर्ष साहू, अनिल कश्यप, हनीफ खान, अन्नू मिश्रा, प्रदीप झा, मुकेश वर्मा, बंटी दुबे, मु.इमरान खान, प्रेम सपेरा, कलाम खान, बालमुकुंद रायकवार एरच,आदि बड़ी संख्या में बुन्देली योद्धा उपस्थित रहे।