– 156/3 के अंतर्गत FIR दर्ज करवाने एवं किले की पहाड़ी (नींव) को खोद के कराए जा रहे अवैध कार्य को रूकवाने के लिए न्यायालय में वाद दाखिल किये

 

झांसी। बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा द्वारा झांसी की महारानी लक्ष्मी बाई  के किले की पहाड़ी (नींव) को खोद कर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के एक्ट के उल्लंघन कर अवैध रूप से पथ वे का सीमेंट, डस्ट, बोल्डरों से निर्माण कार्य को रुकवाने के लिए आखिरकार न्यायालय की शरण लेना ही पड़ी है।
मोर्चा के केन्द्रीय अध्यक्ष भानु सहाय के अनुसार झांसी के किले की पहाड़ी (नींव) को किस एक्ट एवं नियम से खोदा जा रहा है इसकी कहाँ से एवं किस्से अनुमति प्राप्त की गई यह पुरातत्व विभाग झांसी मंडल, नगर निगम एवं स्मार्ट सिटी विभाग से मोर्चा द्वारा मांगी पर आज तक किसी भी विभाग ने कोई जानकारी न तो मीडिया को दी है और न ही मोर्चा को।
पुरातत्व एक्ट एवं नियमावली के विरुद्ध किले की पहाड़ी (नींव) को खोद कर कराए जा रहे अवैध निर्माण कराए जाने वालों के विरुद्ध 28 मार्च 22 को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को प्रथम सूचना रिपोर्ट दे कर दर्ज किए जाने का आग्रह किया गया। FIR दर्ज नही किये जाने पर जरिये अधिववक्ता अनुराग मिश्र एवं प्रदीप झा के द्वारा मा. सी.जे.एम न्यायालय में धारा 156/3 के अंतर्गत FIR दर्ज कराये का प्रार्थना पत्र दिया गया। न्यालालय ने पुलिस से रिपोर्ट मांग कर सुनवाई के लिए 12 अप्रैल की तिथि लगाई है।
👉इसी क्रम में वीरांगना महारानी लक्ष्मी बाई की किले की पहाड़ी (नींव) को अवैध रूप से पोकलिंग मशीन द्वारा खोद कर कराए जा रहे अवैध निर्माण कार्य को रोके जाने के लिए जूनियर डिवीज़न न्यायालय में द्वारा अधिवक्ता राकेश दुबे द्वारा स्थाई निषेधाज्ञा दिए जाने के लिए वाद दाखिल किया गया। जूनियर डिवीज़न में सुनवाई के लिए अगली तिथि 11 अप्रैल लगाई गई।
दोनों ही वाद भानू सहाय एडवोकेट के द्वारा दाखिल करवाये गए है।
भानू सहाय का कहना है की वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई जी की आन, बान, शान एवं उनकी धरोहर से खिलवाड़ बर्दाश्त नही करने दिया जाएगा। किले की पहाड़ी (नींव) को कमजोर नही करने दिया जा सकता क्योंकि कालांतर में किले को भी नुकसान होने की आशंका बनी रहेगी।