– 30 दिनों का सीसीटीवी फुटेज मांगा
झांसी। खनन विभाग की जानबूझ कर अनदेखी के चलते बेतवा नदी में अवैध खनन जारी है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है। इसे राष्ट्रीय हरित न्यायालय (एनजीटी) ने गंभीरता से लेते हुए 55 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है और बालू भंडारण के 30 दिनों का सीसीटीवी फुटेज पेश करने के आदेश दिए हैं। साथ ही, संबंधित अधिकारियों और पट्टाधारक को भी तलब किया गया है। देखना है खनिज विभाग इसमें क्या भूमिका निभाता है। यह शिकायत झांसी के मोठ के ग्राम मानिकपुरा में संचालित अवैध बालू घाट की है ।
ये है पूरा मामला
सामाजिक कार्यकर्ता मदन सेन ने एनजीटी में शिकायत दर्ज कराई थी कि मानिकपुरा बालू घाट पर, बेतवा नदी की मुख्यधारा के बीच से रास्ता बनाकर अवैध रूप से बालू खनन किया जा रहा है। खनिज विभाग द्वारा बार-बार औचक निरीक्षण किए गए और अवैध खनन करने वालों पर जुर्माना भी लगाया गया, लेकिन कार्यवाही अपर्याप्त होने के कारण, खनन दोबारा शुरू हो गया और फर्जी तरीके से बालू का भंडारण भी किया गया।
एनजीटी का आदेश
एनजीटी ने इस मामले को गंभीरता से लिया और जिला प्रशासन को माइनिंग क्षेत्र और बालू भंडारण का 30 दिनों का सीसीटीवी फुटेज सील बंद करके न्यायालय में पेश करने के निर्देश दिए हैं। पिछले 6 महीनों में, अवैध खनन के लिए, 55 लाख रुपए से अधिक का जुर्माना लगाया जा चुका है। यह मामला अवैध खनन और पर्यावरणीय क्षति की गंभीरता को उजागर करता है। एनजीटी का आदेश संबंधित अधिकारियों को जवाबदेह ठहराने और अवैध खनन पर रोक लगाने के साथ विभागीय सह पर सक्रिय खनन माफिया की सांठगांठ को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।