झांसी। झांसी के थानों में भले ही पुलिस अफसरों द्वारा टेस्ट रिपोर्ट पलक झपकते दर्ज हो जाए पर वास्तविक रिपोर्ट दर्ज कराना टेड़ी खीर है। इसका उदाहरण झांसी ठेकेदार की गाड़ी से 90 हजार रुपयों से भरा बैग चोरी की ऐसी वास्तविक घटना है जो सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड भी हो गई, लेकिन थाना नवाबाद पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया। जब एस एस पी ने हस्तक्षेप किया तब 20 दिन बाद रिपोर्ट दर्ज हो सकी।

दरअसल, बरुआसागर थाना क्षेत्र के लालड़े की टौरिया निवासी ठेकेदार राजेश कुशवाहा 23 मार्च को घर से 50 हजार रुपए लेकर झांसी आया और दोपहर करीब 2 बजे जिला सहकारी बैंक से 60 हजार रुपए निकाले थे। 20 हजार रुपए निकालकर उसने 90 हजार रुपए बैग में रख दिए और नोटों वाले बैग को अपनी बोलेरो गाड़ी में रख दिया।

ठेकेदार ने आशिक चौराहे पर श्रीरामनाथ एंड संस के सामने गाड़ी खड़ी करके रुपए देने के लिए दुकानदार के पास चला गया। इस दौरान करीब 2:55 बजे एक चोर ड्राइवर साइड से गेट खोलकर रुपयों से भरा बैग चुराकर ले गया। बैग में 90 हजार रुपए, ब्लैंक चेक और कुछ जरूरी कागजात थे। जब वह वापस गाड़ी पर लौटा तब बैग चोरी की जानकारी मिली। इस पर आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे में जांच पड़ताल की गई तो 4 बदमाश चोरी करते हुए सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दिए। रिपोर्ट लिखवाने वह नबाबाद थाने में गया। प्रार्थना पत्र लेकर दरोगा अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। खंडेराव गेट इंचार्ज भी एसओजी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए।

जांच पड़ताल के बाद भी उक्त घटनाक्रम की पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की। कोतवाली व नवाबाद थाना पुलिस घटनास्थल को एक दूसरे के क्षेत्र का बता कर रिपोर्ट दर्ज करने से टालमटोल कर ना शुरू कर दिया। परेशान होकर ठेकेदार ने एसएसपी को शिकायत दी थी। तब एसएसपी के हस्तक्षेप पर  नबाबाद थाना पुलिस ने धारा 379 के तहत एफआईआर लिखी।