एनसीआरईएस ने कहा अधिसूचना निरस्त कर पुनः जारी करें, व्यापक प्रचार प्रसार की मांग 

झांसी। रेल संस्थान (सीनियर इंस्टीट्यूट) झांसी के चुनाव की 18 अप्रैल को जारी अधिसूचना सवालों में फंस गई है। इसको देखते हुए भले ही मतदान की तिथि बढ़ा दी है, किन्तु इस अधिसूचना को संदेह के दायरे में रखते हुए नार्थ सेण्ट्रल रेलवे इम्प्लाईज संघ ने चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। संघ ने उक्त नोटिफिकेशन को निरस्त कर दुबारा जारी कर व्यापक प्रचार प्रसार करने की मांग की है।

गौरतलब है कि रेल संस्थान (सीनियर इंस्टीट्यूट) झांसी के चुनाव वर्ष 2018 के फरवरी माह में कराया जाना चाहिए थे, किन्तु टालमटोल करते हुए यह चुनाव वर्ष 22 में कराए जा रहे हैं। नार्थ सेण्ट्रल रेलवे इम्प्लाईज संघ ने वर्तमान में कार्यभार देख रही रेल संस्थान समिति की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि जिस चुनाव को वर्ष 2018 के फरवरी माह में कराया जाना चाहिए था उसे चार वर्षों तक नहीं कराया जाना और फिर गुपचुप तरीके से बिना उचित विज्ञापन के जल्दबाजी में करने का प्रयास क्या दर्शाता है |

दरअसल, रेल संस्थान (सीनियर इंस्टीट्यूट) झांसी के कार्यकारी सचिव द्वारा 18 अप्रैल 2022 को जो चुनाव अधिसूचना जारी की है उसके अनुसार 19 अप्रैल से 21 अप्रैल को सायंकाल 5 से 7 बजे के मध्य केवल दो घंटे की समयावधि में इच्छुक प्रत्याशी स्वयं व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर नामांकन फार्म प्राप्त कर सकता है। इस संबंध में कर्मचारियों की तमाम शिकायतें प्राप्त होने पर कि लाइन पर कार्यरत रनिंग एवं टिकट चैकिंग स्टाफ इस अल्प समयावधि में बिना उचित विज्ञापन के जानकारी न मिलने के कारण चुनाव लड़ने के अधिकार से वंचित किया जा रहा है, इस पर नार्थ सेण्ट्रल रेलवे इम्प्लाईज संघ झांसी के मंडल सचिव भानु प्रताप सिंह चंदेल ने तत्काल रेल संस्थान के अध्यक्ष वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी को लिखित में विरोध जताते हुए उक्त चुनाव की अधिसूचना निरस्त करके नयी अधिसूचना जारी करते हुए, सभी डिपो/कार्यालय में सूचित करना सुनिश्चित करने एवं प्राप्त आपत्तियों के निस्तारण के उपरांत प्रशासनिक देख रेख में चुनाव कराने की मांग की |
इसके साथ ही उन्होंने वर्तमान में कार्यभार देख रही रेल संस्थान समिति की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि जिस चुनाव को वर्ष 2018 के फरवरी माह में कराया जाना चाहिए था उसे चार वर्षों तक नहीं कराया जाना और फिर गुपचुप तरीके से बिना उचित विज्ञापन के जल्दबाजी में करने का प्रयास क्या दर्शाता है | उन्होंने कहा कि यदि इस पर सही समय पर कार्रवाई नहीं की गई तो कर्मचारियों में आक्रोश पनपेगा जिसके लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा | फिलहाल कार्मिक विभाग द्वारा चुनाव हेतु मतदान की तिथि बढ़ा कर 30 व 31 मई कर दी गई है। देखना है कि इसमें संशोधन किया जाएगा या नहीं।