झांसी। तीन करोड़ रूपये की धोखाधड़ी कर जान से मारने की धमकी देने के आरोपी का अग्रिम जमानत प्रार्थनापत्र विशेष न्यायाधीश (द०प्र०क्षे०अधि०) सुयश प्रकाश श्रीवास्तव की अदालत में निरस्त कर दिया गया।

विशेष अधिवक्ता विपिन कुमार मिश्रा के अनुसार वादी मुकदमा योगेश सिंह ने विगत 14 अगस्त 2018 को धाना बड़ागांव में तहरीर देते हुए बताया था कि वह मै० जया इंजीनियर्स एण्ड कान्ट्रेक्टर्स का पार्टनर है । फर्म पावर ग्रिड कारपोरेशन आफ इण्डिया लि० में सिविल वर्क्स का कार्य करती है। एक व्यक्ति सरोज काजीवाल वर्ष 2016 में फर्म के पारीछा स्थित कार्यालय पर आया तथा स्वयं को एक कम्पनी का डायरेक्टर बताते हुये पावर ग्रिड के अन्तर्गत सिविल कार्य के लिए कहा तथा उससे रेट माँगे । रेट तय हुये तथा कार्य की अनुमानित लागत 14,1950,250 रूपये तय होने पर उक्त सरोज काजीलाल ने उसकी फर्म के साथ 14,1950,250/- रूपये का एक अनुबन्ध लखनऊ में हस्ताक्षरित किया एवं कम्पनी की मुहर लगाकर अनुबन्ध तहरीर किया। कार्य की लागत के अनुसार मोबिलाइजेशन शुरू कर कार्य प्रारम्भ कर करीब तीन करोड़ रूपये खर्च कर दिये । जब कार्य के लिए पावर ग्रिड कारपोरेशन आफ इण्डिया लि० से गेट पास आदि के लिये कहा तो पावर ग्रिड कारपोरेशन आफ इण्डिया लि० ने बताया कि आरएक्सपीई प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लि० का कोई कार्य यहां नहीं है।

जानकारी करने पर पता चला कि सरोज काजीलाल ने उसके साथ धोखा धड़ी करके फर्जी तरीके से उसके तीन करोड़ रूपये उक्त साइड पर फसवा दिया है । जब उसने सरोज काजीलाल से उक्त संबंध में बात की तो उसने धमकी दी कि मेरे खिलाफ कोई कार्यवाही की तो तुम्हें बर्बाद कर देंगे और दुवारा रूपये मांगने आये तो तुम्हारी हत्या करवा देंगे । तहरीर पर नामजद अभियुक्त के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट धारा 420,506 भान्द०सं०के तहत थाना बड़ागांव में दर्ज हुई।
अभियुक्त की ओर से प्रथम अग्रिम जमानत प्रार्थनापत्र पर सुनवाई के दौरान विशेष अधिवक्ता (डकैती) ने विरोध करते हुये कहा कि अभियुक्त के विरूद्ध तीन करोड़ रूपये की धोखाधड़ी करने एवं जान से मारने की धमकी देने के गम्भीर आरोप है। अग्रिम जमानत
दिये जाने का पर्याप्त आधार नहीं मानते हुए न्यायालय द्वारा अभियुक्त सरोज काजीलाल पुत्र अविनाश चन्द्र कांजीलाल निवासी वेस्ट बंगाल का प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया गया।