झांसी। विशेष न्यायाधीश द०प्र०अधि०), सुयश प्रकाश श्रीवास्तव की अदालत में रूपयों के लालच में हत्या का आरोप सिद्ध होने पर एक अभियुक्त को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई।

विशेष अधिवक्ता विपिन कुमार मिश्रा के अनुसार वादी मुकदमा शमशुद्दीन ने विगत 19 दिसम्बर 2003 को थाना बरुआसागर पर तहरीर देते हुए बताया था कि 17 दिसंबर को आढ़त झांसी सब्जी मंडी से उसका कर्मचारी इरसाद पुत्र लुकमान अंसारी निवासी गुलैटी चौराहा कालपी जिला जालौन टाटा-407 सं०- यू०पी०-93 ई-1153 से ड्राइवर रामप्रसाद पुत्र शिवदयाल कुशवाहा निवासी मुहल्ला सनौरा बरूआसागर के साथ मटर लेकर बाँदा सब्जी मंडी गया था । 18 दिसंबर को बांदा से आढ़ती मोहम्मद शकूर व लाल खां से कुल 99147 रूपये एक बोरी में रखकर चले । रात तक यह लोग वापिस नहीं आये तो सुबह अपने सहयोगी शेख लतीफ, साहिद खान व अनीश कुरैशी के साथ तलाश करने निकले तो ग्राम घुघुआ में गाड़ी खड़ी मिली जिसकी केबिन में इरशाद की लाश पड़ी हुई थी। बरूआसागर में गाड़ी मालिक बद्री प्रसाद साहू को साथ लेकर ड्राइवर रामप्रसाद को तलाश किया पूछने पर रामप्रसाद ने पहले तो घुमाने का प्रयास किया परन्तु सख्ती करने
पर बताया कि बांदा से लाये गये रूपयों की लालच में ग्राम भिटौरा के कुछ पहले ग्राम लुहारी की सरहद थाना क्षेत्र सकरार में गाड़ी खड़ी करके अंगोछे से
इरसाद का गला दबा कर हत्या कर दी और गाड़ी लाकर घुघुआ गांव में खड़ी कर दी । इत्मीनान करने के लिये इरसाद की मृत्यु के बाद उसके चेहरे पर चाकू भी मारा । ड्राइवर रामप्रसाद को लेकर थाने आ रहे थे कि कस्बे के अंदर वह गाड़ी से कूद कर गली में भाग गया । वादी मुकदमा की तहरीर पर थाना बरूआसागर पर नामजद अभियुक्त चालक रामप्रसाद के विरूद्ध धारा-394,302 भाव्द०सं० का अभियोग पंजीकृत किया गया।

विवेचना थाना सकरार से संबंधित होने के कारण प्रकरण थाना सकरार स्थानान्तरित किया गया। विवेचना के आधार पर अभियुक्त रामप्रसाद, शंकर,मनोज के विरूद्ध अन्तर्गत धारा-302,394,411 भाव्द०स के तहत एवं अभियुक्त निकेश उर्फ जग्गा पण्डित के विरूद्ध अन्तर्गत धारा- 411 भाव्द०स के तहत आरोप पत्र प्रस्तुत किया।
न्यायालय में सुनवाई के दौरान विशेष अधिवक्ता (द०प्र०क्षे०) ने कहा कि अभियुक्त राम प्रसाद वाहन का चालक था और उसके द्वारा रूपयों के लालच में, कर्मचारी इरशाद की साशय हत्या की गई है। अभियुक्त राम प्रसाद द्वारा वैश्वासिक सम्बन्धों को तोड़ा गया है। कारित अपराध जघन्य है। इसलिये अभियुक्त को मृत्यु दण्ड से दण्डित किया जाये। मामले के तथ्य एवं परिस्थितियों के मद्देनजर न्यायालय द्वारा दोष सिद्ध अभियुक्त रामप्रसाद को धारा-302 भाद०स के अपराध में आजीवन कारावास और 25 हजार रूपये अर्थदण्ड , धारा-394 भा०द०सं० के अपराध में आजीवन
कारावास और 20 हजार रूपये अर्थदण्ड , अर्थदण्ड अदा न किए जाने पर अभियुक्त को 01-01 वर्ष का अतिरिक्त कठोर कारावास भोगना होगा । वहीं तीन अन्य अभियुक्तों मनोज, शंकर व निकेश उर्फ जग्गा पंडित को‌ दोष मुक्त कर दिया गया।