झांसी। झांसी कमिश्नर डॉ अजय शंकर पांडे की पहल से जेडीए ने कानपुर-ग्वालियर बाई पास पर  110 करोड़ कीमत की 25 एकड़ सरकारी जमीन कब्जा मुक्त करवा ली।

गुरुवार को सुबह जेडीए उपाध्यक्ष सर्वेश दीक्षित के नेतृत्व में भारी पुलिस बल वेतवा विहार कॉलोनी के पास कानपुर-ग्वालियर बाई पास पर पहुंच गया और कब्जा हटाने की प्रक्रिया शुरू की गई। इसका कब्जाधारियों ने पहली विरोध किया लेकिन पुलिस फोर्स देखकर सभी शांत हो गए। दरअसल इस जमीन का मामला 2005 से न्यायालय में पेंडिंग पड़ा हुआ था। 2005 में कुशवाहा परिवार से झांसी विकास प्राधिकरण ने इस जमीन को वर्ष 2004 में अधिग्रहण किया था और मुआवजा भी दिया था, लेकिन कुशवाहा परिवार इस मुआवजा से संतुष्ट नहीं था और न ही जेडीए को अपनी जमीन देना चाहता था। इसको लेकर कुशवाहा परिवार ने न्यायालय में अपील दायर की है। लगातार मुकदमे बाजी हो रही थी, इस बीच जेडीए ने कई बार खाली कराने का प्रयास भी किया, लेकिन जमीन कब्जा मुक्त नहीं हो पाई। इस बीच झांसी कमिश्नर डॉ अजय शंकर पांडे और जेडीए उपाध्यक्ष सर्वेश दीक्षित ने पहल करते हुए प्रशासनिक टीम को पूरी जानकारी दी और गुरुवार को जमीन कब्जा मुक्त कराया गया।

गौरतलब है कि जेडीए का यहां आवासीय कॉलोनी विकसित करने का प्रस्ताव किया था। लेकिन, कुशवाहा परिवार के लोगों ने इस पर कब्जा जमा रखा था। कई बार कोशिश के बावजूद जेडीए इसे खाली नहीं करा पा रहा था। गुरुवार को भारी पुलिस बल और पीएसी के साथ जेडीए अफसरों ने भूमि को कब्जा मुक्त कराया। कार्रवाई करते हुए जेडीए दस्ते ने जमीन को समतल करके उस पर कब्जा किया। बाहर जेडीए ने अपना बोर्ड लगा दिया है। सूत्रों का कहना है कि कुशवाहा पक्ष इस कार्यवाही के विरोध में न्यायालय जाएगा।