-, ओएमआर शीट की छाया प्रति न देने व अलग से लगाए पेपर से परीक्षार्थियों में आक्रोश, परीक्षा निरस्त कर पुनः कराने की मांग ने जोर पकड़ा

झांसी। रेलवे वैगन रिपेयर वर्कशॉप में जूनियर इंजीनियर के सात पदों की विभागीय परीक्षा पेपर लीक की चर्चाओं के बीच सम्पन्न हो गई, किन्तु ओएमआर शीट की छाया प्रति न देने एवं अलग से पेपर लगाए जाने ने परीक्षा की ‘निष्पक्षता’ पर सवाल खड़े कर दिए हैं। परीक्षा को निरस्त कर पुनः कराए जाने की मांग को लेकर न्यायालय में याचिका दायर करने की संभावनाओं ने जोर पकड़ लिया है।

गौरतलब है कि रेलवे वैगन रिपेयर वर्कशॉप में विभागीय जेई (जूनियर इंजीनियर) के सात पदों हेतु आवेदन जून 2021 में मांगे गए थे। इस पद हेतु योग्यता 19,00 ग्रेड पे में टेक्निकल केटेगरी के वह कर्मचारी जो पालिटेक्निक अथवा आईटीआई या फिर पीसीएम (फिजिक्स, कैमेस्ट्री, मैथ) से हाई स्कूल या इंटरमीडिएट उत्तीर्ण थी। सूत्रों की मानें तो इस परीक्षा हेतु सात पदों के सापेक्ष लगभग दो सैकड़ा अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था।

उक्त परीक्षा 11 माह बाद 13 जून 2022 (शुक्रवार) को प्रातः 10.30 बजे से वर्कशॉप में आयोजित की गई। इसमें सात पदों के सापेक्ष 170 अभ्यर्थियों ने भागीदारी की। साहू जागरण डॉट कॉम को मिली जानकारी के अनुसार इस परीक्षा हेतु तीन सेट में पेपर तैयार किया गया था। प्रातः से ही अभ्यर्थियों में परीक्षा के पेपर के प्रदेश विशेष के चंद अभ्यर्थियों को लीक करने की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया था। इस बारे में सूत्रों से मिली जानकारी पर साहू जागरण डॉट कॉम ने प्रातः ही पेपर आउट होने की संभावना व्यक्त की थी, जाहिर तौर पर ‘पेपर आउट’ नहीं हुआ।

निर्धारित समय पर पेपर शुरू हुआ। जब ओएमआर शीट परीक्षार्थियों के हाथों में पहुंची तो सभी हतप्रभ रह गए। इसके पीछे कारण था कि ओएमआर शीट में फ्रंट पर अलग से एक कागज़ संलग्न किया गया था। इस कागज़ पर ही अभ्यर्थियों को अपना नाम व नम्बर लिखना था। यह अलग से लगाये गये कागज़ ने कई ऐसे सवाल खड़े कर दिए जो अनुत्तरित रहे। नियमानुसार ओएमआर शीट पर ही अभ्यर्थियों को नाम व नम्बर लिखने की परम्परा है, किंतु अलग से कागज़ लगाना व ओएमआर शीट की छाया प्रति नहीं देना परीक्षा की ‘निष्पक्षता’ को इंगित कर रहा था।

अभ्यर्थियों का आरोप था कि ओएमआर शीट की छाया प्रति नहीं देने व इस पर से इस कागज़ को कोई भी अलग कर उसके स्थान पर दूसरा पेपर (मन माफिक अभ्यर्थी का नाम नंबर लिख कर) लगा सकता है। इससे उन परीक्षार्थियों की मेहनत पर पानी फिर सकता है जिन्होंने परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए मेहनत की। छाया प्रति मिलने से ओएमआर शीट में गड़बड़ी की आशंका नहीं रहती। फिलहाल इन सभी सवालों/ कयासों को दरकिनार कर परीक्षा शांतिपूर्ण तरीके से निर्धारित समय पर सम्पन्न हो गई।

परीक्षा कक्ष से निकले बहु संख्या में परीक्षार्थियों में उक्त स्थिति को लेकर आक्रोश दिखाई दिया। उन्होंने ओएमआर शीट पर सवाल खड़े किए और परीक्षा निरस्त कर पुनः कराए जाने की मांग की। कुछ का कहना था कि इस परीक्षा प्रक्रिया को लेकर न्यायालय में याचिका दायर की जा सकती है। इस बारे में वर्कशॉप प्रशासन में कोई हलचल नहीं है, चर्चाओं का बाजार गर्म है। फिलहाल यह भविष्य के गर्भ में है कि परीक्षा का परिणाम क्या होता है?