– दुःख मां ने बाल कल्याण समिति झांसी को कहा शुक्रिया

झांसी। बाल कल्याण समिति झांसी के द्वारा की गई त्वरित कार्यवाही से 12 घंटे के भीतर ही शिशु को उसकी मां की गोद मिल गई। शिशु को पाकर मां की आंखें छलछला आईं और बाल कल्याण समिति झांसी का उसने तहे दिल से शुक्रिया अदा किया।

दरअसल, झांसी जिले के गुरसराय के संभ्रात परिवार की पुत्री का विवाह छतरपुर मध्य प्रदेश निवासी अंकुर अग्रवाल के साथ फरवरी 2020 में हुआ था। विवाह के कुछ समय बाद ही सोनिया (काल्पनिक नाम) को पता चला कि उसका पति अपराधी प्रकृति का है। उसका व उसके परिवार वालों का व्यवहार सोनिया के साथ हमेशा कटु ही रहा परंतु किसी तरह वह अपनी पीड़ा को दबाए रही । अप्रैल 22 में जब उसका पति विवाह समारोह में दतिया आया हुआ था तो वापसी में गुरसराय आते समय वह सोनिया को गुरसराय के बाहर छोड़कर उसके छह माह के छोटे बच्चे को लेकर धमकी देता हुआ भाग गया।

इस घटना की रिपोर्ट लिखाने हेतु पीड़िता ने तमाम दरवाजे खटखटाए व कई जगह प्रार्थना पत्र भेजे पर कोई कार्यवाही ना होने पर वह निराश हो गई फिर किसी के समझाने पर उसने 181 स्टॉप सेंटर पर 10 मई की शाम फोन किया। स्टॉप सेंटर की मैनेजर प्रीति त्रिपाठी व केस वर्कर नेहा शर्मा 11 मई को सोनिया के साथ बाल कल्याण समिति झांसी पहुंची व घटना की जानकारी दी । बाल कल्याण समिति ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सोनिया को छतरपुर पहुंचने के निर्देश दिए। समिति के अध्यक्ष राजीव शर्मा ने सदस्य परवीन खान व कोमल सिंह से मशवरा कर बाल कल्याण समिति छतरपुर से संपर्क किया और उनसे इस प्रकरण पर तत्काल कार्रवाई करने का अनुरोध किया । 12 मई की दोपहर 3:00 बजे सोनिया बाल कल्याण समिति छतरपुर के समक्ष पहुंची । समिति के सदस्य सौरभ भटनागर तथा अन्य सदस्यों ने तत्काल कार्यवाही करते हुए पुलिस के सहयोग से थाने में ही बच्चे को अंकुर की बहन से सोनिया को दिलवा दिया।

बच्चे को पाकर उसकी मां की आंखों में आंसू छलक पड़े। सोनिया तथा उसके परिवार ने बाल कल्याण समिति झांसी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि जब वह सब तरफ से निराश हो गए थे ऐसे में बाल कल्याण समिति ने एक तड़पती मां को उसका बच्चा वापस दिला दिया।�