झांसी मण्डल के सोलह  स्टेशनों/स्थानों पर हुआ सजीव प्रसारण

Jhansi। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश भर के “गरीब कल्याण सम्मेलन” के तहत  जनकल्याण योजनाओं के लाभार्थियों से वार्ता करते हुए संवाद स्थापित किया एवं इस योजना की समीक्षा करते हुए इस योजना के लाभार्थियों पर इसके पड़ने वाले प्रभाव का आंकलन किया I  उत्तर मध्य  रेलवे ,झाँसी मंडल के कुल 16 स्थानों पर  कॉन्फ्रेंसिंग इसका प्रसारण किया गया | जिसमें झाँसी  मंडलीय कार्यालय के सभागार के साथ झाँसी, ग्वालियर, ललितपुर, उरई आदि में इस कॉन्फ्रेंसिंग के  वीडियो प्रसारण की व्ययस्था की गयी थी जबकि महोबा, खजुराहो ,चित्रकूट धाम कर्वी, मुरैना, बांदा, अतर्रा, डबरा, दतिया, कुलपहाड़, बबीना एवं  बिरलानगर स्टेशनों पर इस कॉन्फ्रेंसिंग के ऑडियो प्रसारण की व्यवस्था की गयी थी I

इस कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी का अमृत महोत्सव समारोह के हिस्से के रूप में भारत सरकार के नौ मंत्रालयों और विभागों की लगभग सोलह जनकल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के लाभार्थियों के साथ वार्ता की । “गरीब कल्याण सम्मेलन” नाम का राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम शिमला में आयोजित किया गया, जहाँ प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश भर के लाभार्थियों से सीधे बातचीत कर संवाद स्थापित किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री द्वारा 21,000 करोड़ रुपये से अधिक की किसान सम्मान निधि की 11वीं किस्त भी जारी की गयी। साथ ही राज्य की राजधानियों, जिला मुख्यालयों और केवीके केंद्रों पर भी कार्यक्रम आयोजित किए गए I कार्यक्रमों की इस श्रृंखला के तहत, योजना के लाभार्थी मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय और राज्य मंत्रियों, संसद सदस्यों, विधान सभा सदस्यों और अन्य निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के साथ भी प्रधानमंत्री ने बातचीत की।

दो चरणों वाले इस कार्यक्रम के तहत राज्य/जिला/केवीके स्तर का समारोह सुबह 9.45 बजे से शुरू हुआ और लगभग 11.00 बजे ये राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम से जुड़ गया । राष्ट्रीय कार्यक्रम का दूरदर्शन के माध्यम से राष्ट्रीय और क्षेत्रीय चैनलों पर सीधा प्रसारण किया गया। MyGov के माध्यम से राष्ट्रीय कार्यक्रम को वेबकास्ट करने का भी प्रावधान किया गया, जिसके लिए लोगों को खुद को पंजीकृत करने की आवश्यकता होगी। इसे अन्य सोशल मीडिया चैनलों जैसे यूट्यूब, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम आदि के माध्यम से भी देखा जा सकता है।

यह उम्मीद की जाती है कि इस वार्तालाप से न केवल नागरिकों के जीवन को आसान बनाने वाली इन योजनाओं के जन-केंद्रित दृष्टिकोण को उजागर किया, बल्कि जनआकांक्षाओं के संबंध में सरकार को अवगत और यह सुनिश्चित करने में लाभकारी सिद्ध होगी कि देश की प्रगति के लिए कोई भी पीछे न छूट जाए एवं प्रत्येक ज़रूरतमंद को लाभान्वित किया जा सकेI