झांसी। भले ही समझौता वार्ता के बाद दो दिन चला टूल डाउन आंदोलन खत्म हो गया, किंतु इसके साइड इफैक्ट्स ने खलबली मचा रखी है। कर्मचारियों के रवैए से क्षुब्ध वर्कशाप प्रशासन ऊपर से हरी झंडी मिलने पर इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए चार कर्मचारियों को निलंबित कर संगठनों को संदेश दे दिया था। इसके अलावा 13 कर्मचारियों को चार्जशीट देने की तैयारी की जा रही है। इससे कर्मचारियों में हड़कंप है। हालांकि कर्मचारी संगठन इस कार्यवाही को वापस लिए जाने को लेकर आश्वस्त हैं।
गौरतलब है कि इनसेंटिव बोनस को लेकर झांसी वैगन रिपेयर वर्कशाप में कर्मचारियों ने पिछले सप्ताह दो दिन टूल डाउन आंदोलन किया था। हालत यह थी कि आंदोलनकारियों को काबू में करने के लिए आरएएफ के साथ सिविल पुलिस का सहारा लेना पड़ा था। इतना ही नहीं प्रयागराज मुख्यालय से आला अफसरों को भी यहां आकर आंदोलनकारियों से वार्ता करना पड़ी थी। इसके बाद समझौता होने पर कर्मचारी वापस काम पर लौटे थे। समझौता वार्ता में कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं करने व निलंबित कर्मचारी की बहाली की बात भी शामिल थी।
इधर, टूल डाउन समाप्त होने के बाद वर्कशाप प्रबंधन द्वारा कार्रवाई का डण्डा चलाना शुरू कर दिया ताकि भविष्य में इस तरह के आंदोलन की पुनरावृत्ति नहीं हो। इसके तहत एनसीआरईएस के नेता बृजकिशोर साहू को पहले ही निलम्बित कर दिया गया था। इसके बाद निलंबन की गाज टेक्नीशियन वन रजत मौर्या पेटिंग शॉप, टेक्नीशियन वन आइसीएफ सन्नी बागवार एवं मुकेश कुमार मोटर चालक मिल राइट शॉप पर गिरी।
सूत्रों की मानें तो इसके बाद सीडब्ल्यूएम के रडार पर 13 कर्मचारी हैं। इन्हें चिन्हित करते हुए चार्जशीट देने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए एनसीआर मुख्यालय से इजाजत मांगी गई है। इधर, कर्मचारियों के संगठनों के नेताओं में इस कार्यवाही को लेकर रोष है। वह इसे समझौते का उल्लघंन बता रहे हैं। हालांकि उन्हें विश्वास है कि कर्मचारियों पर कार्रवाई वापस ले ली जाएगी। इसके लिए स्थानीय नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व को स्थिति से अवगत करा दिया है। देखना है कि कार्रवाई वापस होती है या नहीं।











