– अडाप्ट हैरिटेज योजना के तहत संस्थाएँ गोद लेंगी ऐतिहासिक इमारतें, संरक्षण का दायित्व संभालेंगे ग्राम प्रधान
झांसी। मंडलायुक्त झांसी डा. अजय शंकर पांडेय ने झांसी मण्डल की ऐतिहासिक स्थलों की तस्वीर बदलने की मुहिम चलाई है जिसके तहत मण्डल की सभी 182 चिन्हित ऐतिहासिक स्थलों को सजाने-संवारने का कार्य किया जायेगा। ऐसे स्थलों पर पर्यटकों को रूझानें के लिये स्थलों का न सिर्फ संरक्षण किया जायेगा बल्कि इन स्थलों पर उनसी जुड़ी हुई घटनाओँ के दिवसों पर समारोह/उत्सव आयोजित कर लोगों का ध्यान आकर्षित कराया जायेगा।
मण्डलायुक्त ने बताया कि झांसी मण्डल की अनेक ऐतिहासिक स्मारक किसी स्तर पर संरक्षित न होने से वे खण्डर हो रही हैं। इस धरोहर को संरक्षित करने के लिये पूर्व में ग्राम प्रधानों को निर्देश दिये गये थे कि वे ग्राम पंचायत निधि से उन स्थलों को संरक्षित कराने के प्रस्ताव पास करायें। इसी कड़ी में जुलाई माह में मण्डल स्तर पर संबंधित सभी  ग्राम प्रधानों को बुलाकर स्मारकों के संरक्षण का प्रशिक्षण कराया जायेगी ताकि दीर्घकालिक योजना को अमलीजामा पहनाया जा सके। ग्राम प्रधानों को भेजे गये निर्देश में कहा गया है कि वे ग्राम पंचायत के पारित प्रस्ताव की छायाप्रति व ऐतिहासिक स्थल की तस्वीरें लेकर आयें। मण्डल स्तर पर दिये जाने वाले प्रशिक्षण में विषय विशेषज्ञ अपनी राय देकर ग्राम प्रधानों को ऐतिहासिक स्थल के संरक्षण के गुर सिखायेंगे।
मण्डलायुक्त ने यह भी बताया कि प्रशिक्षण के साथ ही ऐसे प्रबुद्धजनों व संस्कृति प्रेमियों की खोज कर इन ऐतिहासिक इमारतों को गोद लेने की कार्यवाही कराते हुए अनुबंध कराये जायेंगे ताकि भविष्य में वे इमारतें हमेशा सुरक्षित रहें। ज्ञातव्य है कि बुंदेलखंड के झाँसी मण्डल ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत ही समृद्ध है। इनमें अनेक ऐसी इमारतें, भवन, मीनार, झील, पहाड़ियां हैं जो किसी शासकीय योजना से संरक्षित नहीं है ऐसी धरोहर को संरक्षित करने के लिए स्थानीय स्तर पर की जा रही यह पहल मील का पत्थर साबित होगी।
कहाँ कितने स्मारक-
झाँसी-  43
जालौन- 38
ललितपुर- 101
मंडलायुक्त ने कहा कि उनका प्रयास है कि ऐसे सभी स्थल इस रूप में विकसित हों ताकि अगली पीढ़ी हमारे गौरवशाली इतिहास से परिचित हो सकें उन्होंने ग्राम प्रधानों के प्रशिक्षण का दायित्व उप निदेशक पंचायत को सौंपा तथा उप निदेशक पुरात्तव प्रशिक्षण के मसौदा पर काम करेंगे। बैठक में उप निदेशक (पुरातत्व) एसके दुबे, उप निदेशक पंचायत संजय यादव, मंडलीय परियोजना प्रबंधक सिफ्सा/एनएचएम आनंद चौबे, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी श्रीमती कीर्ति उपस्थित रहे.
होंगे यह कार्य –
1. संबंधित ग्राम पंचायत के सचिव एवं प्रधान द्वारा पुरातात्विक/ऐतिहासिक स्थल के संरक्षण/विकास संबंधी कार्ययोजना तैयार की जायेगी।
2. प्रशिक्षण देकर ग्राम प्रधानों को ऐतिहासिक स्थल के संरक्षण के गुर सिखाये जायेंगे।
3. पुरातात्विक स्थलों के संरक्षण/विकास हेतु संस्कृति प्रेमी/प्रबुद्धजन स्मारक द्वारा गोद लेने के लिये किये जायेंगे अनुबंध।
4. चिन्हित ऐतिहासिक स्थलों पर उनसी जुड़ी हुई घटनाओँ के दिवसों पर समारोह/उत्सव आयोजित होंगे।