बाल कल्याण समिति के प्रयास से गुमराह किशोरी घर लौटी

्झांसी। बाल कल्याण समिति द्वारा सही समय पर निर्णय लिये जाने से एक किशोरी का भविष्य अंधकारमय होने से बच गया। समिति द्वारा किशोरी को नकली चाचा के संरक्षण से मुक्त करा कर उसके माता-पिता को सुपुर्द कर दिया तो सभी की आंखों में आंसू आ गए।

बाल कल्याण समिति की सदस्य परवीन खान ने बताया कि विगत दिवस थाना उल्दन में एक किशोरी अपने माता पिता के खिलाफ शिकायत लेकर पहुँची थी। मामले की गम्भीरता को समझते हुए थाना प्रभारी उल्दन ने बाल कल्याण समिति अध्यक्ष राजीव शर्मा को फोन पर स्थिति से अवगत कराया। अध्यक्ष ने मामले की गंभीरता को देखते हुए बालिका व उसके माता-पिता को बाल कल्याण समिति कार्यालय भेजने को कहा।

विगत दिवस किशोरी अपने तथा कथित चाचा एवं पुलिस के साथ समिति के समक्ष उपस्थित हुई। चाचा ने प्रार्थना की कि चूँकि किशोरी के माता-पिता आये दिन किशोरी के साथ मारपीट करते हैं अतः उसे उनके संरक्षण में ही रहने दिया जाये। अध्यक्ष ने जब चाचा से गहनता से पूछताछ शुरू की तो पता चला कि वह किशोरी का रिश्तेदार नहीं है अपितु उस लड़के का रिश्तेदार है जिससे किशोरी प्यार करती है।

किशोरी के माता-पिता ने बताया कि उक्त नकली चाचा के बहकाने पर उनकी पुत्री घर से भाग कर तथाकथित चाचा के घर पहुँच गयी है। पता चलने पर जब वे अपनी पुत्री से मिलने गये तो उसने उन्हें पुत्री से मिलने तक नहीं दिया गया। पूरा मामला संज्ञान में आते ही किशोरी व उनके माता-पिता को समझाया बुझाया गया तो किशोरी सहज ही अपने माता-पिता के साथ जाने के लिए तैयार हो गयी।

पुत्री को अपने संरक्षण में पाकर माता-पिता के आंसू आ गये। तथाकथित चाचा को चेतावनी देकर बैरंग वापस भेज दिया गया। कार्यवाही के दौरान समिति के सदस्य कोमल सिंह] परवीन खान, हरीकृष्ण सक्सैना व दीप्ति सक्सैना उपस्थित रहे।