बुविवि के रिफ्रेशर कोर्स का दूसरा दिन उद्यमिता, कौशल विकास और शोध पर रहा केंद्रित

झांसी। शिक्षा जब तक केवल मात्र रोजगार में सहायक के रूप में काम करेगी तब तक भारत का भविष्य अनिश्चित रहेगा। हमें समझना पड़ेगा कि शिक्षा का उद्देश्य मानव के संपूर्ण विकास से है जबकि कौशल विकास का उद्देश्य रोजगार से। शिक्षा और कौशल विकास का समन्वय ही नई शिक्षा नीति का लक्ष्य है। उक्त विचार प्रोफेसर प्रदीप कुमार मिश्रा, कुलपति, अब्दुल कलाम आजाद तकनीकी विश्वविद्यालय लखनऊ ने बुंदेलखंड विश्वविद्यालय एवं यूजीसी एचआरडीसी जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित रिफ्रेशर कोर्स के प्रथम सत्र में व्यक्त की। प्रोफेसर मिश्रा न “नवाचार, उद्भवन एवं उद्यमिता’ विषय पर अपने व्याख्यान में कहा कि हमें शिक्षा के लिए ऐसे क्षेत्र का चयन करना चाहिए जिसमें हमारी रुचि हो। अक्सर अभिभावक भविष्य के रोजगार को ध्यान में रखकर अपने बच्चे को शिक्षा प्रदान करवाते हैं जिसमें छात्र की कोई रुचि नहीं होती। इससे छात्र में असंतोष एवं शिक्षा के प्रति अरुचि उत्पन्न हो जाती है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र मस्तिष्क ही नवाचार उद्भवन और उद्यमिता की कुंजी है। दूसरे सत्र में प्रोफेसर देव प्रभाकर राय संकायाध्यक्ष, कृषि विभाग, ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट ने “गुणवत्ता आधारित शोध एवं शैक्षणिक पद्धति” पर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने सामाजिक विषयों में अपनाए जाने वाले शोध के विभिन्न चरणों की विस्तार से व्याख्या की। प्रोफेसर राजेश कुमार दुबे निदेशक यूजीसी एचआरडीसी ने सत्र समाप्ति पर विषय विशेषज्ञों का आभार प्रकट किया और कहा कि निश्चित ही उनके व्याख्यान से शिक्षक गण लाभान्वित हुए होंगे। उन्होंने कहा कि यूजीसी एचआरडीसी का उद्देश्य यही है की वर्तमान शिक्षकों को अध्यापन में नवाचार तकनीक और माध्यमों से अवगत कराया जाए। संयोजक डॉ राजेश पांडे ने अतिथियों का परिचय दिया। संचालन सह संयोजक डॉक्टर कौशल त्रिपाठी ने किया। तकनीकी सहयोग यूजीसी एचआरडीसी के प्रमोद कुमार ने दिया।