Jhansi। जनपद के कोतवाली थाना क्षेत्र में शनिवार की देर रात बाइक सवार बदमाशों ने व्यापारी का कार से 33 लाख रुपये से भरा बैग पार कर दिया। घनी बस्ती के बीच घटना को बेखौफ अंदाज में अंजाम देने के बाद बदमाश भाग गए। बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की पांच टीमें बनाई गईं हैं। खबर लिखे जाने तक बदमाशों का सुराग नहीं लगा था।

कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत मुहल्ला चंद्रशेखर आजाद निवासी कारोबारी अजीत मिश्रा शनिवार की रात लगभग बारह बजे बैग में 33 लाख रुपये रख कर कार से लेकर मेहंदीबाग स्थित अपने ऑफिस पर पहुंचे थे। रकम कार की पिछली सीट पर एक बैग में रखी हुई थी। यहां संकरी गली में कार खड़ी करने के बाद वह उससे उतर गए और फोन पर बात करने लगे। इसी दरम्यान गली में दो बाइक आती नजर आईं। उन्हें रास्ता देने के लिए वह फोन पर बात करते हुए गाड़ी के पीछे की ओर चले गए। इसी दौरान बाइक सवार एक बदमाश कार में से बैग लेकर बाइक पर बैठकर भागा। यह देख वह चिल्लाए, लेकिन तब तक तेज गति से गाड़ी चलाते हुए बदमाश गलियों में ओझल हो गए। घटना की सूचना मिलने पर सीओ सिटी राजेश कुमार राय व कोतवाली पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई। रात में ही आसपास के सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले गए, परंतु पुलिस के हाथ कुछ लग नहीं पाया। रविवार की शाम कारोबारी की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।

सीसीटीवी में कैद हुए बदमाश
इधर रात में ही पुलिस ने घटना स्थल के आसपास व मुख्य मार्गों पर लगे सीसीटीवी कैमरे चेक किए, जिसमें चेहरे को ढके हुए दो बाइकों पर सवार चार संदिग्ध युवक कार का पीछा करते नजर आए। अजीत मिश्रा के साथ घटना मेहंदीबाग मुहल्ले की एक संकरी गली में हुई। ये गली दूसरी ओर से आंतिया तालाब रोड पर खुलती है। घटना स्थल के आसपास कई घरों में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। पुलिस ने रात में इन कैमरों के फुटेज खंगाले, लेकिन तस्वीर साफ नहीं मिली। बदमाशों की बाइकों की तेज रोशनी कैमरों पर पड़ने की वजह से तस्वीर धुंधली दिखी। इसके बाद पुलिस ने मुख्य मार्गों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की ओर रुख किया। कचहरी चौराहे से इलाइट की ओर जाने वाली सड़क पर कारोबारी की कार के पीछे दो बाइकों पर चार संदिग्ध नजर आए। चारों ने अपने चेहरे मास्क से ढक रखे थे, जिससे उनके चेहरे फुटेज में साफ नहीं दिख रहे हैं।

पहले 45 लाख लूट की दी थी सूचना फिर 33 लाख हुए
अजीत मिश्रा ने रात 12.10 बजे कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक तुलसीराम पांडेय के मोबाइल पर फोन कर 45 लाख रुपये की लूट की सूचना दी थी। लेकिन, रविवार की शाम दी गई तहरीर में 33 लाख रुपये दर्शाए। इसके अलावा सुबह घटना के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए पुलिस को कारोबारी की खासी तलाश करनी पड़ी। वह दोपहर में अपने अधिवक्ता के साथ पुलिस के पास पहुंचा। पीड़ित ने चार-पांच बार तहरीर भी बदली। इसके अलावा घटना को लेकर कई बार बयान भी बदले, जिसमें पुलिस उलझी रही। शाम साढ़े पांच बजे उन्होंने पुलिस को तहरीर दी, इसके बाद मुकदमा दर्ज किया गया। वहीं, दिन में डीआईजी जोगेंद्र कुमार व एसएसपी शिवहरी मीणा ने घटना स्थल का मुआयना किया। इसके अलावा एसएसपी ने पीड़ित से काफी देर तक बात कर घटना के बारे में जानकारी हासिल की।
कहीं हवाला की रकम तो नहीं
व्यापारी ने पुलिस को बताया कि वह शनिवार की रात मध्य प्रदेश के छतरपुर से रकम लेकर लौटे थे। बैग में तीन व्यापारी के 33 लाख रुपये थे। इनमें से एक के 20 लाख, दूसरे के 10 लाख और तीसरे के तीन लाख रुपये थे। पुलिस की पड़ताल में सामने आया कि कारोबारी बाहर से अन्य व्यापारियों की रकम लेकर यहां आता था, जिसके एवज में उसे कमीशन मिलता था। इस पर पुलिस की ओर से रकम हवाला की होने की भी आशंका जताई जा रही है। इस दिशा में भी पुलिस की जांच जारी है।
बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की पांच टीमें गठित कर दी गई हैं। घटना से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण सुराग भी पुलिस के हाथ लगे हैं। शीघ्र घटना का खुलासा कर दिया जाएगा।