तालबेहट (ललितपुर)। तालबेहट में खेत में सांप के डसने से मरे किसान के शव को जिला अस्पताल की मोर्चरी में नेवलों ने क्षतविक्षत कर दिया। शव के एक तरफ का चेहरा व पैरों की उंगलियां भी कुतरी  हुई मिलने पर परिजनों ने हंगामा कर दिया और अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। प्रशासन ने इस पूरे मामले में जांच बैठा दी है।

कोतवाली तालबेहट थाना क्षेत्र के गांव हर्षपुर निवासी अनंदी (67) अपनी ससुराल तालगांव में आया हुआ था। शुक्रवार की सुबह करीब आठ बजे वह खेत में खड़ी फसल में खरपतवार नाशक दवा का छिड़काव कर रहा था। इसी दौरान उसे सांप ने डस लिया जिससे उसकी हालत बिगड़ने लगी। वह तत्काल यहां से कुछ लोगों की मदद से अपने ससुरालियों के पास पहुंचा और सांप के डसने की बात बताई। ससुराल वाले उसे जिला अस्पताल पहुंचे जहां उसकी मौत हो गई। अस्पताल प्रशासन ने शव को पोस्टमार्टम कराने के लिए मोर्चरी में रखवा दिया। पूरा दिन बीत गया लेकिन पोस्टमार्टम नहीं हुआ। शनिवार की सुबह से ही अनंदी के परिजन शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए जिला अस्पताल पहुंचे। सुबह करीब साढे़ आठ बजे उपनिरीक्षक पंचनामा भरने के लिए आ गए।

अस्पताल कर्मचारी ने जैसे ही मोर्चरी का दरवाजा खोला तो यहां मौजूद सभी के होश उड़ गए। मोर्चरी के भीतर आधा दर्जन नेवले स्ट्रेचर पर रखे आनंदी के शव को खा रहे थे। चेहरे का दाहिनी तरफ का हिस्सा बुरी तरह से कुतर दिया था। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। बाद में पहुंचे अफसरों ने समझा-बुझाकर शांत किया और शव का पोस्टमार्टम कराया गया।

लोगों ने बताया कि जिला अस्पताल की मोर्चरी में शव को सुरक्षित रखने के लिए दो-दो फ्रीजर हैं,  लेकिन जिला अस्पताल की इसे लापरवाही कहें या कुप्रबंधन कि यहां के फ्रीजर अधिकतर समय खराब पड़े रहते हैं। इतना ही नहीं पोस्टमार्टम हाउस में रखे फ्रीजर भी खराब हैं। यहीं कारण रहा कि मोर्चरी में शव को स्ट्रेचर पर फ्रीजर के बजाय नीचे ही रखा गया था।
मोर्चरी में शव रखा रहा करीब इक्कीस घंटे, नहीं हुआ पोस्टमार्टम
शुक्रवार की सुबह करीब साढे़ बजे अनंदी को सांप ने काटा। जिला अस्पताल में करीब साढे़ दस बजे उसकी उपचार के दौरान मौत हुई। इसके बाद शव को मोर्चरी में रखवा दिया। शव का पंचायतनामा भरने के लिए शनिवार की सुबह करीब आठ बजे कोतवाली में तैनात एक दरोगा मोर्चरी पहुंचता है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिला अस्पताल सहित पुलिस प्रशासन किस तरीके से काम कर रहा है।
जिला अस्पताल प्रशासन व पुलिस ने एक-दूसरे के पाले में फेंकी गेंद
मोर्चरी में शव को नेवलों द्वारा नोंचकर खाने की घटना जब शनिवार को प्रकाश में आई तो जिला अस्पताल प्रशासन व पुलिस प्रशासन अपने अपने तर्क रखकर जिम्मेदारी की गेंद एक- दूसरे के पाले में डालने लगे। जिला अस्पताल प्रशासन का कहना है कि शुक्रवार को अनंदी की मौत होने की सूचना उन्होंने मेमो के माध्यम से पुलिस को भेज दी थी तो वहीं पुलिस का कहना है कि उन्हें अस्पताल से पंचायतनामा भरने की सूचना देर से मिल सकी। राजेंद्र प्रसाद, मुख्य चिकित्साधीक्षक जिला अस्पताल पुरुष का कहना है कि मोर्चरी के अंदर रखे शव को जानवरों व अन्य जीव जंतुओं से बचाने के प्रबंध हैं। लेकिन चूहा व नेवले किसी प्रकार अंदर घुस जाते हैं। यही कारण हो सकता है कि यहां रखे शव को नेवले या चूहों ने कुतर दिया हो। इसकी जांच कराई जाएगी। जो भी दोषी होगा उसके विरुद्घ कार्रवाई की जाएगी।