मैं गणित के इतिहास के लिए जन्मा, उसके लिए जिया और उसी के लिए देह त्यागूंगा : प्रो राधाचरण गुप्त
झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के गांधी सभागार में आयोजित समारोह में मंडलायुक्त डॉ. अजय शंकर पांडे तथा बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मुकेश पांडे द्वारा पर्ल्स ऑफ बुंदेलखंड समिति व बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में संयुक्त रूप से प्रो. राधाचरण गुप्त को “पर्ल्स ऑफ बुंदेलखंड” से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर प्रो. राधाचरण गुप्त की धर्मपत्नी सावित्री देवी को भी सम्मानित किया गया।
इस सम्मान को प्राप्त करने वाले वह पहले नागरिक हैं. प्रो राधाचरण गुप्त को उनके द्वारा गणित के इतिहास के क्षेत्र में किए गए काम के लिए यह पुरुस्कार दिया गया. झांसी के बड़ा बाजार इलाके में जन्मे राधाचरण गुप्त ने अपना पूरा जीवन गणित और गणित के इतिहास को समर्पित कर दिया है। पिछले 70 सालों से वह इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं. गणित के इतिहास के क्षेत्र में कार्य करने के लिए उन्हें वर्ष 2009 में केनेथ ओ में पुरुस्कार भी दिया जा चुका है. यह सम्मान प्राप्त करने वाले वह अभी तक एकमात्र भारतीय हैं।
सम्मान प्राप्त करते हुए प्रो. राधाचरण गुप्त ने कहा कि वह गणित के इतिहास के लिए जन्मे हैं, उसके लिए जी रहे हैं और गणित के इतिहास के लिए ही देह त्यागुंगा। उन्होंने बताया कि आधुनिक गणित का पूरा इतिहास हमारे वेदों से लिया गया है, लेकिन, युवा पीढ़ी इस बात से अनजान है। उन्होंने कहा कि हर चीज की वर्तमान परिस्थिति को जानने के लिए उसका इतिहास जानना बहुत जरूरी होता है। यही नियम गणित के इतिहास पर भी लागू होता है। उन्होंने कहा कि वह कभी भी सम्मान की लालसा के लिए काम नहीं करते हैं। आज भी उनका पूरा समय गणित के इतिहास को ही समर्पित है.
इस अवसर पर मंडलायुक्त डॉ अजय शंकर पांडे ने कहा कि झांसी और बुंदेलखंड के लिए गौरव की बात है कि प्रो. राधाचरण गुप्त ने इस पावन धरा पर जन्म लिया। उन्होंने बताया कि आईआईटी बॉम्बे द्वारा प्रो. गुप्ता का जन्मदिन मनाया जाता है। यह सम्मान चुनिंदा लोगों को ही प्राप्त है। मंडलायुक्त ने बुंदेलखंड विश्वविद्यालय कुलपति से आग्रह किया की विश्वविद्यालय द्वारा प्रो. गुप्ता की शादी की सालगिरह को भव्य रूप से मनाया जाए, उनकी उपलब्धियों के बारे में विद्यार्थियों को बताया जाए इससे युवाओं को प्रेरणा मिलेगी और वह भी गणित के क्षेत्र काम करने की योजना बनायेंगे।
प्रो. राधाचरण गुप्त को सम्मानित करते हुए बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो मुकेश पाण्डेय ने कहा कि 400 से अधिक रिसर्च पेपर और 80 से अधिक किताबें लिखने के बाद भी प्रो. गुप्ता जिस सादगी से अपना जीवन व्यतीत करते हैं वह तारीफ के काबिल है। कुलपति ने बताया कि आईआईटी बॉम्बे द्वारा राधाचरण गुप्त के चुनिंदा रिसर्च पेपर को एकत्रित करके एक किताब के रूप में प्रकाशित किया गया है। यह किताब गणित के क्षेत्र में एक मील का पत्थर है। उन्होंने यह भी बताया कि जल्द ही आईआईटी गांधीनगर द्वारा प्रो. राधाचरण गुप्त की सभी किताबों को डिजिटिलाइज भी किया जाएगा।
कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत करते हुए पर्ल्स ऑफ बुंदेलखंड के अध्यक्ष प्रो. मुन्ना तिवारी ने कहा कि यह हमारे लिए गौरव का क्षण है जब बुंदेलखंड के अमूल्य धरोहर राधाचरण गुप्त को समिति द्वारा सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि समिति ऐसे ही अन्य कई विद्वान लोगों को सम्मानित करती रहेगी। पर्ल्स ऑफ बुंदेलखंड समिति हर उस व्यक्ति को पहचान दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है जिन्होंने बुंदेलखंड के लिए कार्य किया या बुंदेलखंड का नाम रोशन किया। समिति के सदस्य डॉ. बृजेश दीक्षित ने प्रो. राधाचरण गुप्त के  जीवन परिचय और उनकी उपलब्धियों से अवगत कराया। सचिव प्रताप राज ने बताया कि प्रो. राधाचरण गुप्त का चयन एक लोकतांत्रिक और पारदर्शी प्रक्रिया के साथ किया गया। समिति ने आम लोगों से गूगल फॉर्म के माध्यम से नॉमिनेशन मांगे थे। इसके बाद एक स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा उन सभी नामों में से प्रो. राधाचरण गुप्त को सम्मानित करने का निर्णय लिया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. अनुपम व्यास तथा आभार शाश्वत सिंह ने ज्ञापित किया। इस अवसर पर आनंद चौबे, प्रदीप तिवारी, राम सेवक अरजरिया, अनिरुद्ध रावत, प्रो. पुनीत बिसारिया, डॉ. अनु सिंगला आदि मौजूद रहे।