झांसी। दो लाख रुपए की मांग को लेकर उत्पीड़न कर हत्या के मामले में जिला कारागार में बंद आरोपी सास का जमानत प्रार्थना पत्र प्रभारी सत्र न्यायाधीश शक्तिपुत्र तोमर की अदालत में निरस्त कर दिया गया।

जिला शासकीय अधिवक्ता मृदुल कान्त श्रीवास्तव के अनुसार वादी मुकदमा ख्यालि राम द्वारा २८ जून २०२२ को थाना बबीना में तहरीर देते हुए बताया था कि उसने अपनी पुत्री रश्मी का विवाह ३० अप्रैल २०१२ को
ग्राम बुढपुरा निवासी सुरेन्द्र अहिरवार पुत्र नत्थू अहिरवार से किया था। विवाह के बाद से ही सुरेन्द्र व उसकी मा अवध कुमारी द्वारा रश्मी को दहेज के लिये प्रताड़ित किया जा रहा था। सुरेन्द्र और उसकी मां अवध द्वारा २ लाख रूपये की मांग की जा रही थी। जिसे पूरा करने में असमर्थ था। इसलिये सुरेन्द्र और उसकी मां ने २५ जून को सुबह करीब ६ बजे रश्मी की बेरहमी से पिटाई कर उसकी हत्या करने के बाद सुरेन्द्र ने फोन पर सूचना दी कि मैंने तुम्हारी पुत्री रश्मी को जान से मार दिया है तथा धमकी दी कि यदि मेरे खिलाफ कानूनी कार्यवाही की तो तुम्हें भी जान से मार देंगे।

उक्त तहरीर के आधार पर धारा ३०४, ५०६ ४९८ए भादं०सं० एवं धारा ३/४ दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत थाना बबीना में मुकदमा पंजीकृत किया गया। जिला कारागार में बंद अभियुक्ता श्रीमती अवध द्वारा प्रस्तुत जमानत प्रार्थनापत्र पर सुनवाई उपरांत अपराध की प्रकृति एवं गंभीरता को देखते हुये जमानत का आधार पर्याप्त न मानकर न्यायालय द्वारा प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया गया।