आगरा में N C R E S नेता भड़के, विरोध प्रदर्शन की चेतावनी 
आगरा। आगरा रेल मंडल में मंडल रेल प्रबंधक द्वारा नियम विरुद्ध मान्यता प्राप्त यूनियनों से बिना वार्ता किए नॉन पर्सनल के सभी लिपिकों की एक तरफा निर्णय लेते हुए मर्जिंग कर रातों-रात कई कई कर्मचारियों का स्थानांतरण एक विभाग से दूसरे विभाग में करने के परिणाम स्वरूप वह सभी कर्मचारी तथा अधिकारी जिनके नीचे यह कर्मचारी कार्य करते थे सभी प्रताड़ित होने लगे और पूरे मंडल में एक उहापोह की स्थिति शुरू हो गई।

इनकी आवाज बन कर एनसीआरईएस ने यह मुद्दा मंडल रेल प्रबंधक के समक्ष उठाया तथा लिख कर भी दिया परंतु प्रशासन ने कोई जवाब नहीं दिया। अंततः एनसीआरईएस ने रेल प्रशासन के साथ होने वाली स्थाई वार्ता तंत्र मीटिंग में यह मुद्दा रखा और डीआरएम ने आश्वासन दिया कि अभी स्थानांतरण पर इंप्लीमेंटेशन नहीं होगा तथा non-personal के मर्जिंग से पहले मान्यता प्राप्त यूनियन से मीटिंग की जाएगी। इस आश्वासन पर एंनसीआरईएस ने अपनी वार्ता 3 अगस्त को जारी रखी परंतु 4 अगस्त को रेल प्रशासन अपने आश्वासन से मुकर गया और कहा इमर्जिंग पर कोई वार्ता नहीं होगी।

इससे मजबूरन एनसीआरईएस को इस स्थाई वार्ता तंत्र की मीटिंग का बहिष्कार करना पड़ा और अपना विरोध कर्मचारियों के समक्ष आ कर बताना पड़ा। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि इस विषय में रेल प्रशासन यदि इसी तरह हठधर्मिता दिखाता है तो एन सी आर ई एस को और ज्यादा विरोध प्रदर्शन के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
मीटिंग को बहिष्कार कर मंडल मंत्री अक्षय कांत शर्मा ने अपनी बात कर्मचारियों के सामने रखी साथ ही मंडल अध्यक्ष पीके सोनी जी ने रेल प्रशासन द्वारा बात ना माने जाने पर आगे की कार्यवाही करने की बात रखी। इनके अलावा संयुक्त महामंत्री एके दधीच, मुख्यालय कोषाध्यक्ष दीपक गोयल, मंडल संगठन दिगंबर सिंह, मंडल उपाध्यक्ष विजेंद्र मिश्रा, व हरिओम भारद्वाज, सहायक मंडल सचिव गबरु, ब्रांचो के शाखा सचिव सुरेंद्र सिंह, उत्तम कुमार ,घनश्याम मीणा, दुलीचंद, प्रीतम शेरावत, अरुण शर्मा , उमेश बाबू ,अभिनव पांडे ,पीके शर्मा, ऐदल सिंह व सना खान आदि ने जोरदार नारे लगाकर रेल प्रशासन को चेताया।