झांसी। दहेज में मोटरसाइकिल व एक लाख रुपए की मांग पूरी नहीं होने पर हत्यारोपी सास का जमानत प्रार्थनापत्र प्रभारी सत्र न्यायाधीश शक्तिपुत्र तोमर द्वारा निरस्त कर दिया गया।
जिला शासकीय अधिवक्ता मृदुल कान्त श्रीवास्तव ने बताया कि वादी मुकदमा रघुवीर कुशवाहा ने १९ फरवरी २०२२ को थाना कोतवाली में तहरीर देते हुए बताया था कि उसकी पुत्री भावना उर्फ वंदना की शादी नीरज के साथ ०८ मई २०२१ को ग्राम करगुवा थाना चिरगांव में हुयी थी। भावना की सास सुनीता पत्नी नत्थू ने अपनी दूसरी शादी इन्दर सिंह तनय हरदास कुशवाहा के साथ पूर्व में ही कर ली थी। भावना का रिश्ता सास सुनीता एवं ससुर इन्दर सिंह ने तय किया था। नीरज एवं
उसकी मां सुनीता व वर्तमान ससुर इन्दर सिंह शादी के पूर्व से ही एक साथ एक ही मकान में रहते थे।

वादी ने अपनी पुत्री की शादी में ३,५०,००० रूपये नगद एवं १,५०,००० रूपये का दहेज सामान, बर्तन व कपड़े के अलावा सोने चांदी के जेवरात आदि ससुराली जनों की मांग पर भेंट दिये थे। शादी के बाद पति नीरज, सास सुनीता एवं ससुर इन्दर सिंह संतुष्ट नहीं थे और अतिरिक्त दहेज की रूप में एक रूपये नगद एवं अपाचे मोटरसाइकिल की मांग को लेकर प्रताणित करने लगे ।

भावना ने अपने पिता, भाई एवं मां को दहेज मांगने एवं दहेज को लेकर मारपीट करने की बात बताई थी। १८ फरवरी २०२२ की रात्रि वादी के पुत्र हरिओम को मोबाईल फोन से सूचना मिली कि भावना उर्फ वंदना की तबियत खराब है, उसने जहर खा लिया है। वह मेडिकल कालेज झाँसी में भर्ती है। हरिओम सीधे मेडिकल कालेज पहुंचा तो देखा कि उसकी बहन बोल नहीं पा रही है, इमरजेन्सी में भर्ती है। रात्रि में ०२.०० बजे लगभग डाक्टरों ने बताया कि उसकी हालत ठीक नहीं है तो हरिओम ने वादी को सूचना दी। वादी अन्य लोगों के साथ झाँसी आया तब तक डाक्टर ने भावना को मृत घोषित कर दिया था।

तहरीर के आधार पर धारा ४९८ए, ३०४बी भा०द०सं० एवं धारा ३/४ दहेज प्रति. अधि. के तहत थाना कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया। उक्त मामले में अभियुक्ता सुनीता कुशवाहा की ओर से प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र न्यायालय द्वारा निरस्त कर दिया गया।