– बाल कल्याण समिति की त्वरित कार्यवाही से मां-बेटी की खुशियां लौटीं

झांसी । जनपद के फुटेरा बरूआसागर में बड़े अरमानों के साथ छः वर्ष पूर्व विवाह कर आई वन्दना अपने पति के साथ खुशी खुशी रह रही थी, किन्तु अचानक 18 मई 2022 को उसकी खुशियों में तब ग्रहण लग गया जब उसके पति की दुर्घटना में मौत हो गई। पति के जाने से वंदना की सारी खुशियां खत्म हो गयीं और दुर्भाग्य के साये ने उसकी जिन्दगी को अपने आगोश में ले लिया।

हालत यह हो गई कि उसका आखिरी सहारा 4 वर्षीय
बेटी शिवन्या को ससुराल वालों ने छीन कर उसे घर से निकाल दिया। स्वर्गीय पति की निशानी बेटी को पाने के लिए वन्दना ने पुलिस एवं प्रशासन से लेकर सभी जगह गुहार लगाई पर उसका दुर्भाग्य यहाँ भी आड़े आ गया और उसकी फरियाद अनसुनी रह गयी। तक हार कर विगत 19 जुलाई को उसने आखिरी उम्मीद कर बाल कल्याण समिति का दरवाजा खटखटाया। बाल कल्याण समिति की ओर से ससुराल वालों को अपना पक्ष रखने के लिए दो बार अवसर दिया गया पर उन्होंने उसे नजर अन्दाज कर दिया ।
विपक्षीगण द्वारा जानबूझकर उपस्थित न होने पर बाल कल्याण समिति ने अपना निर्णय वन्दना के पक्ष में सुनाते हुए पुलिस को बेबी शिवन्या को उसकी मां के संरक्षण में दिलाने के आदेश जारी किये और आज एक लम्बे अन्तराल बाद बेटी को अपनी गोद में पाकर वन्दना ने ईश्वर व बाल कल्याण समिति का आभार प्रकट किया।

समिति के अध्यक्ष राजीव शर्मा, सदस्य परवीन खान, कोमल सिंह, हरीकृष्ण सक्सैना व दीप्ति सक्सैना द्वारा की गयी त्वरित कार्यवाही से बेबी शिवन्या को अपनी मां मिल गयी। कार्यवाही में पुलिस अधीक्षक ग्रामीण व प्रभारी निरीक्षक बरुआसागर की भूमिका भी सराहनीय रही।