झांसी।अपर सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में 17 वर्षीय किशोरी के अपहरण का 13 साल बाद दोष सिद्ध होने होने पर अभियुक्त सजा सुनाई।

अभियोजन पक्ष ने बताया की वर्ष 2009 में मध्य प्रदेश के ग्राम दिगारा निवासी व्यक्ति ने नवाबाद थाना मे रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया था की वह मजदूरी करने के लिए अपनी पत्नी और 17 वर्षीय पुत्री के साथ नवाबाद थाना क्षेत्र के कुम्हार का कुआ के पास किराए का कमरा लेकर रह रहा था। 29 अगस्त 2009 को उसकी पुत्री पत्नी के साथ सुबह के समय शौच क्रिया करने गई थी तभी रास्ते में मध्य प्रदेश डिगारा निवासी सोनू जाटव अपने साथी के साथ बाइक से आया और उसकी पुत्री को उठाकर अपह्रण कर ले गया।

पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार करते हुए किशोरी को बरामद कर लिया था। इस मुकदमे की अपर सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या तीन में आज सुनवाई चल रही थी। अभियोजन की ओर से शासकीय अधिवक्ता सुनील लिटोरिया और तेजसिंह गौर ने पैरवी की। न्यायालय ने सुनवाई करते हुए आरोपी सुनील जाटव को दोषी मानते हुए धारा 366 में पांच वर्ष का कारावास तथा बीस हजार का जुर्माना तथा धारा 363 में तीन वर्ष का कारावास और दस हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है।