झांसी। कारागार में बंद कुख्यात अपराधी लेखराज सिंह यादव को छुड़ाने की कोशिश करने के मामले में झांसी के मोंठ थाने में भी पुलिस ने मोंठ के नगर पंचायत अध्यक्ष अनिरुद्ध यादव समेत छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इनमें से कुछ लोगों को पुलिस ने हिरासत में भी ले लिया है।

गौरतलब है कि कन्नौज जेल में बंद पूर्व ब्लॉक प्रमुख और कुख्यात अपराधी लेखराज यादव को 16 सितंबर को एक मुकदमे की पेशी पर कड़ी सुरक्षा के बीच झांसी लाया गया था। पेशी के बाद दोपहर में पुलिस टीम उसे वापस कन्नौज लेकर जा रही थी। इसी दरम्यान हाईवे पर पुलिस की गाड़ी को रास्ते में कई जगह रोकने की कोशिश की गई थी। ईंट-पत्थर तक से हमला किया गया था। इस तरह की घटना रास्ते में कई जगह हुईं थीं। हालात को भांपते हुए पुलिस टीम लेखराज को लेकर मोंठ थाने में घुस गई थी। सुरक्षा मिलने के बाद पुलिस की टीम यहां से आगे बढ़ पाई थी। इस मामले में 17 सितंबर को कन्नौज में लेखराज व उसके अज्ञात समर्थकों पर सरकारी कार्य में बाधा डालने, मारपीट करने समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था।

इसके बाद 24 सितंबर (शनिवार) को प्रभारी निरीक्षक विनय दिवाकर ने मोंठ के नगर पंचायत अध्यक्ष अनिरुद्ध यादव, उनके भाई बृजेंद्र यादव समेत अनिल यादव, मलखान शिवहरे, धीरेन्द्र पाल तथा मुकेश कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इन सभी के ऊपर पुलिस पर जान से मारने की नीयत ये फायर करने, गाली-गलौज कर जान से मारने की धमकी देनेे तथा सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने इनमें से कुछ आरोपियों को हिरासत में भी लिया है। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की दबिशें लगातार जारी हैं।

तीन आरोपी सपा के पूर्व विधायक के रिश्तेदार

सूत्रों के अनुसार जिन छह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया इनमें दो आरोपी नगर पंचायत अध्यक्ष मोंठ अनिरुद्ध यादव तथा बृजेंद्र यादव गरौठा के पूर्व सपा विधायक दीपनारायण सिंह यादव के साले हैं। इसके अलावा बृजेंद्र यादव के साले अनिल यादव के खिलाफ भी पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया गया है। पूर्व विधायक के तीन रिश्तेदारों पर मुकदमा दर्ज होने से क्षेत्र की राजनीति गरमा गई है।
टोल प्लाजा के सीसीटीवी कैमरों से की पहचान
पुलिस ने आरोपी अनिल यादव व उसके साथियों की पहचान सेमरी टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी कैमरों के जरिये की। पुलिस ने पहले अनिल की गाड़ी का नंबर ट्रेस किया और उसके बाद सीसीटीवी कैमरों के जरिये गाड़ी में बैठे लोगों की पहचान की गई। इसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया।