मथुरा स्टेशन पर पत्नी की जिद और मौत ने टेक दिए घुटने ! वो जिंदा होने तक पति को मुंह से देती रही सांसें…

मथुरा। पत्नी को ‘जीवन साथी’ ऐसे ही नहीं कहा जाता है| वो वाकई असल मायने में ‘जीवनसाथी’ होती है| वह अपने पति का उसकी हर परिस्थति में साथ निभाती है और कई बार तो सावित्री बन यमराज से अपने पति के प्राण भी छुड़ा लाती है| ऐसा उदाहरण उत्तर प्रदेश में श्री कृष्ण की नगरी मथुरा स्टेशन पर देखने को मिला जहां पत्नी की जिद के आगे मौत ने टेक दिए घुटने !

यह वाक्या शुक्रवार रात करीब 12 बजे का है। दरअसल निज़ामुद्दीन तिरुअनंतपुरम सुपरफास्ट एक्सप्रेस में चेन्नई निवासी 67 वर्षीय केशवन अपनी पत्नी दया के साथ कोच B4 में सफर कर रहे थे। चलती ट्रेन में अचानक हार्ट अटैक से केशवन की तबीयत बिगड़ गई। तबीयत बिगड़ने की सूचना आरपीएफ को दी गई।

आरपीएफ के जवानों ने ट्रेन से यात्री को बाहर निकाला। जवान ख़ुद यात्री के हाथ और पैरों की मालिश करने में जुट गए। देखते ही देखते वहां लोगों की भीड़ जुटना शुरू हो गई और जमीन पर पड़े केशवन को फर्स्ट एड देना शुरू किया। प्लेटफॉर्म पर जुटी भीड़ को देख आरपीएफ के सिपाही अशोक कुमार और निरंजन सिंह पहुंच गए। सिपाही अशोक कुमार यात्री की हालत देख तुरंत स्थिति को समझ गए। उनके कहने पर दया ने अपने पति को मुंह से सांस दी। आधे घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद यात्री की सांसें लौट आईं। आखिर में महिला की सांसे पाकर पति के शरीर में हलचल शुरू हो गई और उसने आँखें खोल दीं| मसलन, महिला की इतनी कोशिश देख मौत ने भी अपने घुटने टेक दिए| पत्नी की जिद के आगे मौत भी हार गई। इसके बाद आरपीएफ के जवानों ने एंबुलेंस की सहायता से मरीज को मथुरा के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उसकी स्थिति स्थिर बनी हुई है।