– क्षेत्र के किसानों को सीधा होगा लाभ, उत्पादन और उत्पादकता के साथ आर्थिक स्थिति में होगा सुधार

झांसी। जिला मुख्यालय से लगभग 60 कि0मी0 दूरी पर गरौठा तहसील में अतिरमणीक बड़वार झील विद्यमान हैं। ब्रिटिश काल में ही इस झील से गरौठा तहसील के 45 गाँव के लगभग 3186 हेक्टेअर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने हेतु 53.74 कि०मी० लम्बाई की बड़वार नहर प्रणाली को विकसित किया गया था। बड़वार झील से सिंचाई, मत्स्य पालन व गुरसरांय कस्बे को पेयजल उपलब्ध कराया जाता है।
कालान्तर में क्षेत्र में वर्षा कम होने से झील अपने पूर्ण जल स्तर तक नहीं भर पाती थी जिससे क्षेत्रीय जनता को पूर्ण लाभ प्राप्त नहीं हो पाता था, फलस्वरूप यह उनकी जीविकोपार्जन में जटिलता होती थी। इसी समस्या के निवारण हेतु जनपद-झॉसी में बड़वार झील को गुरसरांय नहर से भरने हेतु फीडर कैनाल निर्माण की परियोजना के गठन किया गया था।
कार्य निश्चित समयावधि में पूर्ण हो इसे सुनिश्चित करने के लिए जिलाधिकारी द्वारा लगातार भौतिक सत्यापन किया गया। समय से कार्ड पूर्ण हो जाने के पश्चात क्षेत्र में किसानों को सिंचाई और पेयजल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित होगी। इस परियोजना के अर्न्तगत वर्षाकाल में बेतवा नदी में उपलब्ध अतिरिक्त जल से पारीछा वीयर के दांये पार्श्व से निकलने वाली गुरसरांय मुख्य नहर के किमी0 45.066 के दांये किनारे से 5.400 कि0मी0 लम्बाई एवं 203 क्यूसेक क्षमता की पोषक नहर का निर्माण करते हुये प्राकृतिक नाले में जोड़कर बड़वार झील को भरा जाना प्रस्तावित किया गया था।

इस परियोजना की कुल लागत 57.75 करोड़ है, जिसके सापेक्ष अभी तक 46.60 करोड़ रूपये व्यय करते हुए फीडर नहर / पोषक नहर, व नाले को चैनेलाईज कर पारीछा वियर से झील की हाईड्रोलिक कनेक्टिविटी स्थापित करते हुए 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्म दिवस पर नहर का प्रथम परीक्षण किया गया।परीक्षण में संचालन सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ तथा पारीछा बाँध से झील को भरना प्रारम्भ किया गया। वर्तमान में झील शतप्रतिशत भरी हुई है जिससे 45 ग्रामों के कृषकों की जीविकोपार्जन में सुलभता होगी एवं इस वर्ष लगभग 6 हजार हेक्टेअर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा एवं एक नई निर्माणाधीन पेयजल योजना के माध्यम से लगभग 80 हजार ग्रामवासियों को पेयजल सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी।
परियोजना के अवशेष कार्यों को इसी वित्तीय वर्ष में पूर्ण करा लिये जाने की प्रबल सम्भावना है। भविष्य में सिंचाई हेतु पर्याप्त पानी उपलब्ध रहेगा। सरकार द्वारा किये गये कार्य से कृषकों ने हर्षोल्लास प्रकट करते हुए सिंचाई विभाग तथा सरकार को साधुवाद दिया।