अंतिम भरुआ सुमेरपुर स्टेशन पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग का संस्थापन कार्य पूर्ण
झांसी। मंडल रेल प्रबंधक आशुतोष के मार्ग–दर्शन में खैरार-भीमसेन रेल खंड के मध्य भरुआ सुमेरपुर स्टेशन पर इकहरी लाइन पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग के संस्थापन कार्य पूर्ण कर लिया गया । झाँसी मंडल का यह स्टेशन मैकेनिकल इंटरलॉकिंग युक्त अंतिम स्टेशन था, जिसको अब इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग से युक्त कर दिया गया है | उक्त संस्थापन के साथ ही झाँसी मंडल अब पूर्णतः मेकेनिकल इंटरलॉकिंग से मुक्त हो गया है |

भरुआ सुमेरपुर स्टेशन पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग का संस्थापन और मौजूदा इलेक्ट्रो-मैकेनिकल सिग्नलिंग (उत्तर मध्य रेलवे का अंतिम स्टेशन) को हिताची मेक की करके इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग कार्य को स्टैण्डर्ड-II इंटरलॉकिंग के साथ सफलतापूर्वक पूरा किया गया। इलेक्ट्रोनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली सिग्नलिंग की अत्याधुनिक प्रणाली है, जिसके प्रयोग से लीवर खेंचकर लाइन बदलने वाली प्रथा समाप्त हो गयी है, जिसके साथ-साथ मैन पॉवर की भी बचत हुई है, अब यह कार्य एक केंद्रीयकृत बिल्डिंग से बटन दबाकर कर लिया जाता है | पुराने इलेक्ट्रो-मैकेनिकल इंस्टॉलेशन के बदले में नयी इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग का संस्थापन संरक्षा की दृष्टि से एक महत्वपूर्व उपलब्धि है । उक्त संस्थापन के साथ झाँसी मंडल के साथ-साथ उत्तर मध्य रेलवे भी पूर्णता मैकेनिकल इंटरलॉकिंग रहित हो गया है |
अभी हाल ही में मंडल रेल प्रबंधक श्री आशुतोष के दिशानिर्देशन में झाँसी मंडल ने 100 % विद्युतिकृत मंडल की उपलब्धि हासिल की है, इसी क्रम में आज की यह उपलब्धि मंडल के निरंतर अवसंरचनात्मक विकास का उदाहरण है | उक्त संस्थापन में वरिष्ठ मंडल सिग्नल एवं टेलिकॉम इंजिनीयर (समन्वय) अमित गोयल, वरिष्ठ मंडल सिग्नल एवं टेलिकॉम इंजिनीयर (ब्रांच लाइन) रश्मि गौतम सहित सम्पूर्ण सिग्नल एवं टेलिकॉम टीम द्वारा अहम् भूमिका निभायी गयी है |