कला सोपान की चित्रकला प्रदर्शनी में दिखी देश की अद्भुत विरासत

झांसी। राजकीय संग्रहालय में राष्ट्रीय कला दिवस के उपलक्ष्य में कला सोपान द्वारा आयोजित अभिहिता वार्षिक चित्रकला प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता में 47 चित्रकारों की कृतियों को प्रदर्शित किया गया है।
इस अवसर पर जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने कहा कि कला हमेशा ही नई और सकारात्मक ऊर्जा का स्त्रोत रही है। कला के माध्यम से समाज, जीवन, सुख, दुःख और सभी भावों को व्यक्त करने में मददगार होती है। उन्होंने कहा कि कला प्रेमियों के लिए जल्दी ही झांसी में एक चित्रकला प्रदर्शनी गृह का निर्माण किया जाएगा जहां पर कलाकारों की कलाकृतियों को प्रदर्शित किया जा सकेगा। इसके साथ ही साथ झांसी के रेलवे स्टेशन पर पेंटिंग को विक्रय हेतु व्यवस्था की जाएगी।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी के कला संकाय अधिष्ठाता प्रो. मुन्ना तिवारी ने कहा कि कला हमेशा से ही समाज को एक नई दिशा देने का कार्य करती रही है। वह कला ही है जो मानवता के विकास को बहुत ही आसानी से प्रस्तुत कर देता है। इस अवसर पर राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय ग्वालियर के चित्रकला विभाग के अध्यक्ष डॉ. बलवंत सिंह भदौरिया ने प्रतिभागियों को बधाई देते हुए कहा कि नव अंकुरित मन के भावों को देखना बहुत ही सुकुनदायक होता है। यहां पर बहुत सी कलाकृतियां ऐसी हैं जो समाज को एक अच्छी और नई दिशा देने में सहायक सिद्ध हो सकती हैं।

कला शिक्षक विकास वैभव ने निर्णायक के रूप कहा कि कलाकृतियां बहुत ही अच्छी हैं। प्रथम तीन का चयन किया जाना था और उसका निर्णय करना बहुत ही मुश्किल हुआ है। बहुत ही कम अंतर से कलाकृतियां एक दूसरे के आसपास रहीं हैं। उन्होंने चयनित तीन चित्रकारों को बधाई दी और सभी को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।
कला सोपान की अध्यक्ष डॉ. श्वेता पाण्डेय ने अभिहिता वार्षिक चित्रकला प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता 2022 के अवसर पर अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि इस चित्रकला प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता का आयोजन दो चरणों में किया गया है। प्रथम चरण में ऑनलाइन कला कृतियों को आमंत्रित किया गया था जिसमें 153 कलाकृतियां प्राप्त हुई थी। उसके बाद निर्णायक मंडल ने कुल 47 कलाकृतियों को प्रदर्शनी के लिए चयनित किया। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में कला कृतियों उनकी मौलिकता के आधार पर किया गया है। द्वितीय चरण में निर्णायक मंडल ने कला की मूल कृति को देखकर उसकी गुणवत्ता, संदेश, रंग योजना एवं अन्य आधारों पर किया है।
कला सोपान के सचिव डॉ. उमेश कुमार ने बताया कि यह प्रति वर्ष आयोजित होने वाला कार्यक्रम है। कला सोपान 2015 से कला को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रहा है। उसी क्रम में इस प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
इन चित्रकारों को किया गया पुरस्कृत
कला सोपान के इस वार्षिक चित्रकला प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता में प्रथम स्थान नंदिनी कुशवाहा को उनकी कलाकृति मासूम के लिए चयनित किया गया। इसी क्रम में द्वितीय पुरस्कार गजेंद्र सिंह की कला कृति मिरर रियलिटी और तृतीय पुरस्कार सुमित झा की कृति राज दरबार को दिया गया।