झांसी। संघर्ष सेवा समिति द्वारा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति गरीबी के चलते भूखा न सोए और इस प्रकार से ‘‘भूख के खिलाफ जंग’’ का आगाज किये हुए हैं। इसी क्रम में जिला चिकित्सालय झांसी में संघर्ष सेवा समिति एवं गुलाबी गैंग मात्र शक्ति के सयुंक्त तत्वाधान में संघर्ष सेवा समिति संस्थापक/अध्यक्ष वरिष्ठ समाजसेवी डॉ. संदीप सरावगी व गुलाबी गैंग की जिलाध्यक्ष हाजरा रब एवं समस्त सदस्य जिला अस्पताल झांसी में पहुंचकर मरीजों व तीमारदारों को शुद्ध शाकाहारी भोजन के पैकेट वितरित किये गए।

भोजन के पैकेट पाकर लोगों ने डॉ. संदीप सरावगी व संघर्ष सेवा समिति का दिल से धन्यवाद दिया। डॉ. संदीप सरावगी ने बताया कि जीवन जीने के लिए रोटी, कपड़ा और मकान बुनियादी जरूरतों की श्रेणी में सर्वोच्च स्थान पर आता है. कहते हैं- ‘नींद न जाने टूटी खाट, भूख न जाने बासी भात’। जब प्राथमिकताओं की बात आती है तो दो वक़्त की रोटी का इंतज़ाम सबसे पहले किया जाता है. इस हाड़-मांस के शरीर को ज़िंदा रखने के लिए सही खुराक अति आवश्यक है. लेकिन रोटी और मकान की जंग, पिछड़े और गरीब तबके ने जितनी महसूस की होगी, हमारे लिए उसका आकलन लगा पाना भी मुश्किल है। जिस वक़्त हम अपने सुंदर घरों में सभी सुविधाओं से लैस, एक आरामदायक जीवन बिता रहे हैं. उसी वक़्त, किसी परिवार में सुबह के बाद शाम के खाने तक का ठिकाना नहीं है. हर रोज रोटी और पानी का संघर्ष किसी के लिए एक दैनिक दिनचर्या है. इन सब के बावजूद, हर कोई एक ही भूख महसूस करता है और भोजन हर जीवित व्यक्ति की प्राथमिक आवश्यकता है. यह कुछ लोगों के लिए एक रोजमर्रा की परीक्षा है, और कुछ को जीवन-भर इस कमी का एहसास भी नहीं होता. भूख और भुखमरी वर्षों से हमारे देश की एक जटिल समस्या है। इसी क्रम में संघर्ष सेवा सामिति के तत्वाधान में भूख के खिलाफ जंग’’ का आगाज की शुरुआत की गई। जिला अस्पताल झांसी प्रांगण में मौजूद समस्त लोगों ने डॉ. संदीप सरावगी को दिया चिरायु व विजयी होने का अर्शीवाद। इस मौके पर संघर्ष सेवा सामिति से जिलाध्यक्ष अजय राय, बसंत गुप्ता, राजू सेन, सुशांत गेड़ा, राकेश अहिरवार, भगवती कुशवाहा, मीना, सरगम दयाल, भारती राजेंद्र, नीता परिहार, रानी रायकवार, अब्दुल रब, धान सिंह, राजा सहित संघर्ष सेवा समिति के समस्त सदस्य मौजूद रहे