झांसी। थाना सदर बाजार क्षेत्र अंतर्गत सितम्बर माह में हुई जेसीबी चालक की हत्या का खुलासा करते हुए पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिनमें एक आरोपी पार्षद और दूसरा उसका पुत्र है। दोनों ने अवैध शारीरिक सम्बन्धों को लेकर हत्या की घटना को अंजाम दिया था।

जिले के सदर बाजार थाना क्षेत्र में जेसीबी चालक महेश कुशवाहा निवासी परदेवा थाना सिमरा निवाड़ी की हत्या कर दी गई थी। मृतक की पत्नी की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर छानबीन शुरु कर दी। पुलिस का दावा है कि जांच पड़ताल में मिले सुरागों से सफलता हासिल करते हुए पुलिस ने पार्षद राकेश यादव निवासी भगवंतपुरा और उसके पुत्र रोहित यादव को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस लाइन सभागार में मीडिया से रूबरू पुलिस अधीक्षक नगर के अनुसार पकड़े गये आरोपी रोहित ने बताया कि उसके सम्बंध एक लड़की से थे। जिसकी चैटिंग व कुछ प्राईवेट तस्वीरें मृतक महेश के पास आ गई थी। उन तस्वीरों और चैंटिंग को लेकर महेश उसे ब्लैकमेल कर धमकाते हुए एक लाख रुपए की मांग व उसकी लड़की दोस्त से शारीरिक सम्बंध बनाने का दवाब बना रहा था।

इधर राकेश की महेश की पत्नी पर नीयत खराब थी। राकेश इस प्रयास में रहता था कि महेश की पत्नी से उसके अवैध सम्बंध हो जाएं। जिसको लेकर कई बार वह महेश की पत्नी से छेड़छाड़ करने का भी प्रयास कर चुका है। जिसको लेकर राकेश और महेश के बीच झगड़ा भी हो चुका था। राकेश की जेसीबी मशीन महेश चलाता था।  झगड़े गये बाद राकेश और रोहित ने मिलकर महेश को रास्ते से हटाने की योजना बनाई। योजना के तहत शराब पीने के बाद राकेश के पुत्र रोहित बाइक से महेश को ले गया। जहां रोहित ने लोहे के तार से महेश की गला रेत कर हत्या कर दी थी। इसके बाद स्वयं घटना स्थान पर पहुंचकर दुःख जताया। पुलिस ने दोनों आरोपियों की निशानदेही पर घटना में प्रयोग किया गया तार बरामद किया है।

पिता -पुत्र ने कहा फर्जी फंसाया 

भले ही दो माह बाद गले की फांस बने महेश हत्याकांड का खुलासा करते हुए सदर बाजार पुलिस राहत की सांस ले रही है, किंतु आरोपियों का खुलासे के दौरान बना वीडियो इस हत्याकांड के खुलासे पर सवाल खड़े कर रहा है। पुलिस हिरासत में पिता पुत्र ने राजनैतिक विद्वेष से फर्जी फंसाने की बात कही। उन्होंने एक चर्चित सिपाही पर रुपए लेन देन का भी आरोप लगाया है। इन आरोपों को खुलासे के दौरान मोजूद पुलिस अधिकारी ने खारिज करते हुए कहा की पुलिस पर आरोप लगते रहते है। दरअसल जब आरोपी पिता पुत्र को पत्रकारों के समक्ष पेश किया तो वह बोल उठे की उन्हे राजनेतिक षड्यंत्र के तहत फसाया गया है। उन्होंने सदर थाना के एक चर्चित सिपाही का नाम लेकर रुपए लेने देने का भी खुलासा किया। दो माह बाद हुए इस हत्याकांड के खुलासे ने बड़ा सवाल खड़ा किया है की घटना वाले दिन से भी सदर बाजार पुलिस इन आरोपियों से पांच दिन तक थाना में रखकर पूछताछ करती रही थी, उस समय इन्होंने अपना जुर्म कबूल क्यों नही किया था।