झांसी। प्राकृतिक आपदा एवं प्रबंधन पर बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी उत्तर प्रदेश भू विज्ञान संस्थान, करेलियन रिसर्च सेंटर पेट्रोजावोस्क रूस एवं राजकीय महाविद्यालय गुरुड़ाबाज अल्मोड़ा उत्तराखंड के संयुक्त तत्वाधान में चल रहे तृतीय अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार के द्वितीय दिन रूस, दक्षिण अफ्रीका, उत्तर.पूर्व अफ्रीका तथा भारत के प्रोफेसर एवं वैज्ञानिकों ने अपने अपने व्याख्यान दिए।

लखनऊ विश्वविद्यालय के डीन इंजीनियरिंग एवं भौतिकी विभाग के प्रोफेसर अशोक सिंह ने अंतरिक्ष मौसम और जलवायु परिवर्तन के बारे में विस्तृत जानकारी दी। केंद्रीय भवन शोध संस्थान रुड़की के डॉ शांतनु सरकार ने पहाड़ी शैलों के अनुदिश ढाल स्थायित्व के आकलन के बारे में विस्तृत चर्चा की। रूस के डॉ एवी मोक्रुसिन ने मुरमाश्क क्षेत्र, उत्तर पश्चिम रूस में आपदाग्रस्त आकस्मिक भौमिकीय प्रक्रियाओं की जानकारी दी।  विश्वविद्यालय कानपुर की डॉ द्रोपदी यादव ने पर्यावरण आपदा और आपदा प्रबंधन मे समाज के भूमिका की वर्णन की। राजकीय पीजी कॉलेज पिथौरागढ़ कि डॉ हर्षिता जोशी ने पिथौरागढ़ जनपद में राष्ट्रीय राजमार्ग.125 के अनुदिश भूस्खलन की चर्चा की। भारतीय सर्वेक्षण देहरादून के वैज्ञानिक डॉ मोहित कुमार पुनिया ने उत्तरकाशी के जोशियारा बैराज में हो रहे रिसाव समस्या के भौमिकीय अन्वेषण और रोकथाम की जानकारी दी। आईआईटी रुड़की के रवि शंकर दुबे ने उत्तर प्रदेश के मऊरानीपुर क्षेत्र के जलीय चट्टानी पर्त के बारे में बताया।
वेबिनार के समापन सत्र मे आई आई टी पटना के निदेशक प्रोफेसर टी एन सिंह ने प्राकृतिक आपदाओं की चर्चा करते हुए बताया कि प्रत्येक लोगों को इसकी जानकारी होनी चाहिए तथा ऎसे वेबिनार, कार्यशाला और संगोष्ठियों को कराते रहना चाहिए जिससे लोग जागरुक रहे। इस अवसर पर वेबिनार के मुख्य उपलब्धियों की चर्चा तथा आगे की कार्यवाही एवं धन्यवाद संयोजक प्रोफेसर बीके सिंह समन्वयक अन्तरराष्ट्रीय छात्र प्रकोष्ठ बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी के द्वारा दिया गया।