झांसी। एमपी /एमएलए कोर्ट ने मऊरानीपुर के पूर्व विधायक प्रागीलाल अहिरवार को 24 वर्ष पुराने मामले में शुक्रवार को तीन वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। पूर्व विधायक पर सरकारी कार्य में बाधा डालने और सरकारी कर्मचारियों को धमकाने की रिपोर्ट दर्ज की गई थी।

दरअसल, चार मार्च 1998 को मऊरानीपुर ब्लॉक कार्यालय में पूर्व विधायक प्रागीलाल अहिरवार व तत्कालीन खंड विकास अधिकारी सियाराम के बीच विवाद हो गया था। पूर्व विधायक ने बीडीओ से गरीबों के सरकारी आवास आवंटन की फाइल मांगी थी, लेकिन बीडीओ ने सरकारी प्रपत्र बताते हुए फाइल देने से मना कर दिया था। इस पर दोनों के बीच झगड़ा हो गया था।

इस मामले में बीडीओ ने पूर्व विधायक के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने व सरकारी कर्मचारियों को धमकाने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मुकदमा दर्ज होने के बाद पूर्व विधायक के समर्थकों ने कई दिनों तक धरना-प्रदर्शन भी किया था, किंतु रिपोर्ट वापस नहीं हुई थी।पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया था।

इस मामले में एमपी /एमएलए कोर्ट ने सुनवाई के बाद पूर्व विधायक को दोषी करार देते हुए तीन वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा अन्य तीन धाराओं में दो-दो साल की सजा सुनाई गई। हालांकि, बाद में पूर्व विधायक को मुचलके पर छोड़ दिया गया। बता दें कि प्रागीलाल अहिरवार मऊरानीपुर से भाजपा से तीन बार विधायक रह चुके हैं।