झांसी। दहेज की मांग से परेशान होकर आत्महत्या के मामले में विशेष न्यायाधीश (द०प्र०क्षे०) सुयश प्रकाश श्रीवास्तव की अदालत में आरोपी पति का जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त कर दिया गया।
विशेष अधिवक्ता विपिन कुमार मिश्रा ने बताया कि अभियुक्त जयप्रकाश का विवाह मृतका ममता के साथ दिनांक २८ फरवरी २०११ को सम्पन्न हुआ था। अभियुक्त शादी के बाद से ही मृतका ममता से
अतिरिक्त दहेज की माँग करता था तथा शादी के तीन वर्ष तक नातेदारो एवं बिचौलिया की मध्यस्थता में समझौते की बात होतीे रही । मायके वालों ने अनेक बार जयप्रकाश को आर्थिक मदद दी फिर भी जयप्रकाश संतुष्ट नहीं हुआ और घटना के पूर्व भी मृतका के मायके वालों से पुनः रूपयों की माँग की गई । मृतका ममता द्वारा स्वयं अपने मायके वालों को फोन पर कहा गया कि जयप्रकाश जल्दी रूपये मंगाने के लिये मारपीट कर उत्पीड़न कर रहा है ।

९ जून २०२२ को दोपहर में ममता द्वारा फोन पर बताया गया कि अगर आज पैसों की मांग पूरी नहीं हुई तो जय प्रकाश एवं अन्य लोग उसे एवं बच्चों की हत्या कर देगे। अभियुक्त के उत्पीड़न के कारण ९ जून २०२२ को ही ममता ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली।अभियोजन के अनुसार अभियुक्त जय प्रकाश शर्मा द्वारा ही थाना कोतवाली पर इस आशय की सूचना दी गई कि ममता शर्मा (पत्नी) ने फाँसी लगा ली है और इसी सूचना के आधार पर मृतका का पंचनामा एवं पोस्टमार्टम कराया गया था। उक्त मामले में अभियुक्त जय प्रकाश शर्मा पुत्र रामचन्द्र शर्मा निवासी पंचवटी उन्नाव गेट बाहर की ओर से धारा- ४९८,३०६ भा०द०स० एवं धारा- ३/४ दहेज प्रति० अधिनियम के तहत प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र न्यायालय द्वारा निरस्त कर दिया गया।