झांसी। बीस लाख रुपए के चैक बाउंस होने के मामले में सुनवाई करते हुए पीठासीन अधिकारी मजिस्ट्रेट दिलीप सिंह की अदालत ने आरोपी राजा भदौरिया को दो साल का कारावास और 31 लाख रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई है।

मोहम्मद कादिर ने न्यायालय में वर्ष 2015 में बताया था की जालसाज राजा साहब भदौरिया ने उसे धोखाधड़ी करते हुए रेलवे में स्टॉल दिलाने के नाम पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर दिखा कर उससे बीस लाख रुपया ले लिया और बदले में उसे बैंक की चैक दी थी। वादी ने आरोप लगाया की स्टॉल न होने पर उसने अपना पैसा मांगा तो राजा भदौरिया निवासी सिविल लाइन ने उसे चैक बैंक में लगाकर अमाउंट निकालने को कहा। जब कादिर ने चैक बैंक में लगाई तो वह वाउंस हो गई। इसके बाद वह कई बार राजा के पास पैसे मांगने गया तो उसे गाली गलौज कर अभद्रता करते हुए भगा देता था।

इस मुकदमे में सुनवाई करते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट दिलीप सिंह की अदालत ने आरोपी राजा भदौरिया को दो वर्ष का कारावास और 31 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। साथ ही अदालत ने निर्देश दिए कि वादी को जुर्माने की रकम से 21 लाख दिए जाएं और बाकी की रकम राजस्व में जमा की जाएगी।

जानकारी के अनुसार राजा भदौरिया जालसाजी कर कई राज्यों में लोगों को चूना लगा चुका है। यह वही राजा साहब भदौरिया है जिसने पुलिस से साठगांठ कर थाना नवाबाद में झांसी मीडिया क्लब अध्यक्ष मुकेश वर्मा और पत्रकार प्रमेंद्र सिंह के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस अफसरों को जालसाज के खिलाफ संबंधित मामलों के दर्जनों साक्ष्य दिए गए थे लेकिन उसके चांदी के जूते की चमक के आगे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था और इसी के 15 दिन बाद महाराष्ट्र की पुलिस धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार करके ले गई थी।