झांसी। सिविल लाइन ग्वालियर रोड स्थित कुंज बिहारी मंदिर में नित्य लीला निकुंज निवासी गुरुदेव भगवान महंत बिहारीदास की सत्प्रेरणा से वर्तमान महंत राधामोहनदास महाराज के गद्दी पर विराजमान महोत्सव के उपलक्ष्य में चल रही श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ के छठवें दिवस कृष्ण के मथुरा गमन एवं कंस वध का प्रसंग सुनाते हुए कथा व्यास महंत राधामोहन दास ने कहा कि भगवान को मथुरा लेने आए पात्र का नाम अक्रूर है, अर्थात जो क्रूर नहीं वही प्रभु को पा सकता है। भगवान को तो सरल स्वभाव के लोग पसंद हैं। मानस में बाबा तुलसी लिखते हैं “निर्मल मन जन सो मोहि पावा, मोह कपट छल -छिद्र न भावा”।

भगवान के महारास का पावन प्रसंग सुनाते हुए उन्होंने कहा कि गोपी जीव और कृष्ण ईश्वर हैं। उन्होंने सुंदर गोपी गीत सुनाते हुए गोपी गीत को पंचाध्यायी भागवत का ग्रंथ का हृदय बताया। महंत ने कहा कि बृज की गोपियां कोई नर या नारी नहीं वह तो पूर्व जन्म की संत हैं,जो परमात्मा के दर्शन की लालसा को लेकर हजारों वर्ष तपस्या के बाद बृज में जन्में हैं।गोपी शब्द का शाब्दिक अर्थ बताते हुए वे कहते हैं कि गोपी नहीं यह तो भाव है अर्थात जब जीव हर इंद्रिय से कृष्ण का उपयोग करें वही गोपी है।महारास की आसक्ति भगवान के चरणों में प्रेम को जगाती है सही अर्थों में आत्मा से परमात्मा का मिलन ही महारास है। कन्हैया का महारास देखने कैलाश पर्वत से भगवान शंकर और माता पार्वती भी गोपी बनकर साथ आए हैं। शिव और जीव में भेद बताते हुए उन्होंने कहा कि जिसमें समर्पण का भाव आ जाए वह शिव है और जिसमें अहंकार हो वह जीव है।

कथा व्यास ने कहा कि बिना श्रद्धा और विश्वास के परमात्मा के महारास में प्रवेश नहीं किया जा सकता है। परमात्मा के महारास में शिवजी विश्वास एवं माता पार्वती रुपी श्रद्धा के साथ प्रवेश करते हैं। भगवान कृष्ण के 16108 कन्याओं से विवाह का वर्णन करते हुए उन्होंने रुक्मणी विवाह का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि उद्धव को अपने ज्ञान का बहुत घमंड था किंतु कृष्ण ने उन्हें वृंदावन भेजकर प्रेम की परिभाषा का ज्ञान कराया।

संचालन करते आचार्य रामलखन उपाध्याय ने पुराण पूजन कराया।प्रारंभ में यजमान श्रीमती सरोज शीतल तिवारी, उर्मिला अनिल तिवारी,संगीता संजीव दुबे, रेशमा राजकुमार सिंह, अनुराधा गोपाल तिवारी, समता राममोहन तिवारी एवं रुचि मयंक मित्तल, गुड्डन गोविंद अग्रवाल,शैली मृदुल खरे,प्रतिभा आत्मप्रकाश चतुर्वेदी, गीता रमेशचंद्र सोनी दीप्ति अमित माहौर एवं महिला डिग्री कालेज के प्राचार्य डा.वी पी त्रिपाठी,मालती ओपी गुप्ता ने कथा व्यास का माल्यार्पण करते हुए श्रीमद् भागवत पुराण की आरती उतारी। अंत में बालकदास महाराज ने आभार व्यक्त किया।