झांसी । बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष भानु सहाय के नेतृत्व में जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को लिखित पत्र देकर कहा गया कि उत्तर प्रदेश की अवैध खनन पर जीरो टॉलरेंस की कथनी को धता दिखाते हुए बुन्देलखंड क्षेत्र में उन्ही की नुमाइंदों की छत्र छाया में बड़े पैमाने में डंके की चोट पर अवैध खनन किया जा रहा है। शासन एवं प्रशासन मूक दर्शक बना अवैध खनन होते देख रहा है। कभी किसी घाट पर कभी किसी घाट पर कोई छोटी कार्यवाही कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली जाती है।

एरच एवं ललितपुर की घटना जनता को सरकार की कथनी और करनी के अंतर को समझने के लिए पर्याप्त।
किसी बुन्देली मजदूर की जान चली गई पट्टा धारक, खनन अधिकारी एवं संबंधित लोगों व अधिकारियों की गिरफ्तारी न होना गड़बड़झाले को उजागर करने के लिए पर्याप्त है। खनन अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार झाँसी जनपद में मात्र 9 बालू के घाटों पर खनन हेतु पट्टा दिया गया है शेष पर पट्टा होना बाकी है। यह भी जानकारी दी गई है मि मात्र 10 फुट नीचे तक का खनन बिना बड़ी मशीन का प्रयोग कर नदी से किया जा सकता है।
घाटों पर नज़र रखने के लिए खनन विभाग, पुलिस, ग्राम सचिव, लेखपाल आदि अनेक सरकारी मुलाज़िम अवैध खनन की सूचना देने के लिए कार्य कर सकते है पर तंत्र राजनेताओं एवं खनन माफियाओं के दबाव में या तो सूचना लेना ही नही चाहता या सूचना मिलने पर दबाव के चलते मौन हो जाता है। बुन्देलखंड क्षेत्र में अकूत खनिज सम्पदा का भंडार है इसे लूटने नही दिया जा सकता है।
बुन्देलखंड निर्माण मोर्चा की मांग है कि पट्टा धारक सहित संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध गैर इरादतन हत्या, नदी में प्रतिबंधित मशीनों का उपयोग करना, खनन नियमावली का उल्लंघन होना आदि धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर गिरफ्तारी सुनिशचित करते हुए अवैध खनन में संलिप्तता के तहत पट्टा निरस्तीकरण की कार्यवाही की जाए तथा मृतक के परिवार को पट्टाधारक/ सरकार से पच्चीस लाख रुपया दिलाया जाए।
मोर्चा की यह भी मांग है कि भविष्य में ऐसी घटना न हो सके इसके लिए सभी घाटों पर सी.सी. टीवी कैमरा लगाकर घाटों पर वैध खनन के लिए मोनिटरिंग कमेटी बनाई जाए। प्रतिनिधि मंडल में गौरी शंकर बिदुआ, गिरजा शंकर राय, कुंवर बहादुर आदिम, हनीफ खान, गोलू ठाकुर, नरेश वर्मा, रामजी सिंह जादौन, बृजेश राय, प्रेम सपेरे, कपिल वर्मा, प्रदीप गुर्जर, पुष्पेंद्र वर्मा आदि उपस्थित रहे।