ऐलान – धरना, प्रदर्शन आंदोलन के साथ होगा संसद का घेराव 

झांसी। भारतीय मजदूर संघ से सम्बद्ध सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय परिसंघ के अखिल भारतीय आहवान पर एनपीएस को समाप्त कर पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने के लिए केन्द्र व संबंधित राज्य सरकारों के खिलाफ संघर्ष, जनजागरण, धरना, प्रदर्शन, आन्दोलन इत्यादि को गति देकर आने वाले दिनों में संसद घेराव का ऐलान किया गया है।

यहां आरएसएस के माधव भवन में मीडिया से चर्चा करते हुए हेमन्त कुमार विश्वकर्मा , महामंत्री , UMRKS ने बताया कि भारत सरकार में 1 जनवरी 2004 से नई पेंशन स्कीम के अन्तर्गत कन्ट्रीयूटरी पेंशन स्कीम लागू कर दी जिसका शुरू से ही भारतीय मजदूर संघ एवं UMIUS द्वारा विरोध किया जा रहा है क्योंकि इस पेंशन  स्कीम में न्यूनतम पेंशन एवं महंगाई असर से राहत की कोई गारन्टी नहीं है जिसके परिणामस्वरूप कर्मचारियों को नई पेंशन के अन्तर्गत सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 800, 1300, 2400 रुपए तक पेंशन प्राप्त हो रही है । उन्होंने दावा किया कि BMS के दबाव में सरकार ने वर्तमान पेंशन में बहुत से संशोधन किये लेकिन न्यूनतम पेंशन ( मूल वेतन का 50 % + महंगाई भत्ता की कोई गारंटी नहीं है जिस कारण कुछ राज्य सरकारों ने अपने कर्मचारियों को एनपीएस पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा कर दी है । केन्द्र एवं राज्य सरकार से अपील है कि वह एनपीएस को समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना लागू करे अन्यथा संघ के द्वारा किये जा रहे संघर्ष, जनजागरण, धरना, प्रदर्शन, आन्दोलन इत्यादि को गति देकर आने वाले दिनों में संसद घेराव करने का कार्य किया जायेगा ।

उन्होंने बताया कि 17 नवंबर 2022 को दिल्ली के अन्दर जंतर मंतर पर लाखों की संख्या में कर्मचारियों ने BMS के नेतृत्व में निजीकरण / निगमीकरण एवं पुरानी पेंशन को लेकर हुंकार भरी जिसके बाद से ही केंद्र सरकार जागी और इस पर BMS के प्रतिनिधि मण्डल को बात करने के लिये बुलाया और सरकार में भी सुगबुगाहट शुरू हो गयी है । उन्होंने बताया कि विदित है कि इस बार जी -20 की अध्यक्षता भारत कर रहा है जिसमें इसके इंगेजमेण्ट ग्रुप लेबर -20 की अध्यक्षता का सुअवसर भारतीय मजदूर संघ को प्राप्त हुआ । जिसमें जी -20 एवं आमंत्रित देशों के श्रम संघों को एक साथ लाकर कुछ चयनित विषयों पर आमसहमति बचाने का कार्य करेगा ।

इस दौरान सीके चतुर्वेदी संगठन मंत्री UMRKS एवं जिला अध्यक्ष भारतीय मजदूर संघ ने बताया कि क्षेत्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त संगठनों के द्वारा कर्मचारियों से बिना मांगे 400-400 रुपये की उनके वेतन से कटौती कर करोड़ों रूपये इकट्ठा किया जा रहा था जिसका UMRKS ने लगातार संघर्ष कर रेल कर्मचारियों को इससे मुक्ति दिला दी। अब कोई भी कर्मचारी चंदा कटौती बंद करवाने हेतु सीधा प्रशासन को पत्र लिखकर दे सकता है। उन्होंने बताया कि झांसी कारखाना में हुये 01 व 02 जून 2022 को कारखाना मुखिया के कारण हुई अशांति के वातावरण ( तथाकथित दूलडाऊन ) में रेलवे के बड़े बड़े संगठन कर्मचारियों को अधर में लटका कर चले गये और कर्मचारियों के प्रतिनिधि मण्डल से वार्ता के दौरान मुख्यालय से आये हुये अधिकारियों ने किसी तरह की कटौती एवं कार्यवाही न करने का आश्वासन दिये जाने के बाद भी कर्मचारियों का 02 दिन का वेतन काट लिया गया और लगभग 18 से 20 कर्मचारियों को आरोपी बनाया गया जिसमें भी UMRKS द्वारा हर स्तर पर निरंतर पत्राचार किया गया है परन्तु प्रशासन हठधर्मिता अपनाये हुये है। काटे गये 02 दिन के वेतन भुगतान करवाने हेतु मामला लेबर कोर्ट / श्रमायुक्त ( केन्द्रीय ) के समक्ष लाया गया है। इसके साथ ही रेलवे कर्मचारी के परिवार में माता – पिता को शामिल करना, रनिंग कर्मचारियों का टॉर्च सेल भत्ता संशोधित करना, जोन पर रिक्त चल रहे पदों को शीघ्र भरना, एमप्लोईज चार्टर का अक्षरशः पालन सुनिश्चित करवाने, 18 महीने का एचआरए का एरियर का भुगतान, रात्रि ड्यूटी भत्ता में 43000 रूपये की सीलिंग को हटाना, आयकर की सीमा 08 लाख करना, पीएलबी बोनस की गणना न्यूनतम वेतन 18000 करना इत्यादि विषयों को लेकर निरन्तर संघर्ष जारी है।

पत्रकार वार्ता के दौरान विभाग प्रमुख अवधेश सक्सेना, मार्गदर्शक अम्बिका प्रसाद श्रीवास्तव , मण्डल अध्यक्ष सतीश गुप्ता, कारखाना अध्यक्ष पप्पूराम सहाय, कारखाना सचिव दयानिधि मिश्रा, मो इरशाद खान, सुशील अग्रवाल, संजीव वर्मा, संतोष राठौर, नीरज राय, विवेक, कुणाल, कपीस कुमार सिंह , हरिकिशन राजपूत, नीरज शर्मा, सौरभ उदैनिया, मीठालाल मीणा, गनेश के शुक्ला उपस्थित रहे। मण्डल मंत्री एके शुक्ला ने आभार व्यक्त किया।