रेल मार्ग व सड़क मार्ग से लम्बे गर्डर को प्लेटफार्म नंबर एक पर कार्य स्थल पर लाने में फंसा पेंच 

झांसी। वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन पर नए बन रहे फुट ओवर ब्रिज का काम गर्डर लॉन्चिंग नहीं हो पाने के कारण अनिश्चित काल के लिए लम्बित हो गया है।

गौरतलब है कि वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन पर प्लेटफार्म नंबर एक से दो-तीन व चार-पांच पर नए फुट ओवर ब्रिज का काम किया जा रहा है। इसके तहत प्लेटफार्म एक व दो-तीन पर सीढ़ियां बनने के बाद गर्डर लॉन्चिंग की जाना थी। इसके चलते पॉवर तथा ट्रैफिक ब्लाक की वजह से रेल गाड़ियों के संचालन में पहले चरण में 27 जनवरी और दूसरे चरण में 03 फरवरी को परिवर्तन किया गया था। इसके तहत मुस्तरा में रखे लम्बे -लम्बे गर्डर को मालगाड़ी की ओपिन रेक में लाद कर निर्माण/कार्य स्थल पर लाया जाना था।

इसके लिए रेक आदि की व्यवस्था कर ली गई, किंतु गर्डर को झांसी स्टेशन पर कार्य स्थल पर लाने में ऐसा पेंच फंस गया कि फिलहाल उसका तोड़ नहीं दिखाई दे रहा था। इसके चलते 27 जनवरी का ट्रैफिक ब्लाक समाप्त करना पड़ा। इसके साथ ही कार्य स्थल से समस्त मशीनरी व श्रमिकों को हटा दिया गया। इसके बाद लम्बे गर्डर को किस तरह कार्यस्थल पर लाया जाए की जुगत भिड़ाई जाने लगी। कोई रास्ता नहीं मिलने पर 3 फरवरी का ट्रैफिक ब्लाक भी उठा लिया गया। इस संबंध में आज सूचना भी जारी कर दी गई।

अब हम बताते हैं कि गर्डर के कार्य स्थल पर लाने में क्या पेंच फंस गया। दरअसल, जिस लम्बाई के गर्डर फुट ओवर ब्रिज पर लगाए जाने हैं वह इतने लंबे हैं कि उन्हें मालगाड़ी के ओपिन ट्राला पर लाद कर नहीं लाया जा सकता। इसके पीछे समस्या मुस्तरा -झांसी रेल मार्ग पर कर्व (मोड़) की है। इस स्थिति के चलते ट्राला पर लदे लम्बे गर्डर लाइन पर मोड़ पर साइड के पिलर, खम्भे आदि को क्षतिग्रस्त कर दुर्घटना को अंजाम दे सकते हैं। इसके कारण रेल मार्ग से इन गर्डर को नहीं लाया जा सकता।

इसके बाद सड़क मार्ग से इन्हें कार्य स्थल पर लाने की योजना बनाई गई, किंतु वह भी अस्वाभाविक व खतरनाक साबित हुई। इससे सड़क मार्ग की योजना पर भी विराम लगा दिया गया। लम्बे गर्डर झांसी स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर कार्यस्थल पर कैसे पहुंचेंगे इस पर मंथन चल रहा है। इसके चलते फिलहाल फुट ओवर ब्रिज का काम रोक दिया गया है। यही कारण है कि 27 जनवरी व 3 फरवरी का ट्रैफिक ब्लाक समाप्त करना पड़ा।