झांसी। अपर सत्र न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) ने मऊरानीपुर पूर्व विधायक प्रागी लाल अहिरवार की अपील को खारिज करके उनकी तीन साल की सजा बरकरार रखी है। सह आरोपी भागीरथ को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। कोर्ट के फैसला सुनाए जाने के बाद पूर्व विधायक को जेल भेज दिया गया है।   प्रागीलाल अहिरवार मऊरानीपुर से तीन बार भाजपा से विधायक रह चुके हैं।

गौरतलब है कि एमपी-एमएलए कोर्ट ने 25 नवंबर 2022 को पूर्व विधायक मऊरानीपुर प्रागी लाल अहिरवार को तीन साल की सजा सुनाई थी। पूर्व विधायक पर 4 मार्च 1998 को मऊरानीपुर के तत्कालीन खंड विकास अधिकारी सियाराम के साथ मारपीट एवं सरकारी कार्य में बाधा डालने का आरोप था। प्रागी लाल उस समय मऊरानीपुर विधायक थे।

घटना के अनुसार खंड विकास अधिकारी से उन्होंने सरकारी आवास आवंटन की फाइल मांगी थी लेकिन, बीडीओ ने इसे देने से मना कर दिया था। इसको लेकर दोनों में विवाद हो गया था। बीडीओ ने पूर्व विधायक के खिलाफ मऊरानीपुर थाने में सरकारी कार्य में बाधा डालने, मारपीट आदि के आरोप में रिपोर्ट दर्ज करा दी थी। 24 साल तक चली सुनवाई के बाद 25 नवंबर को अदालत ने पूर्व विधायक समेत सह आरोपी भागीरथ को तीन साल कारावास की सजा सुना दी।

तीन साल की सजा होने के नाते उनको मुचलके पर छोड़ दिया गया था। पूर्व विधायक एवं सह आरोपी भागीरथ ने कोर्ट के आदेश के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट में अपील दाखिल की थी। कोर्ट ने पूर्व विधायक की अपील को आधार हीन मानते हुए खारिज कर दिया। उनकी तीन साल की सजा बरकरार रखी जबकि सह आरोपी भागीरथ को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया। कोर्ट के फैसला सुनाए जाने के बाद पूर्व विधायक को जेल भेज दिया गया है।