झांसी। दलित के साथ गाली गलोज, मारपीट,जाति सूचक शब्दों से अपमानित कर जान से मारने की धमकी का आरोप सिद्ध होने पर विशेष न्यायाधीश अनु.जाति/अनु. जनजाति(अत्याचार निवारण) अधिनियम,शक्तिपुत्र तोमर ने एक अभियुक्त को तीन वर्ष के सश्रम कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया है।
विशेष लोक अभियोजक केशवेन्द्र प्रताप सिंह व कपिल करोलिया ने बताया कि विगत १६ अगस्त ०१ को वादी और उसके भतीजे चरन सिंह ने खेत पर अपने ही गांव के नृपत सिंह से उलाहना दिया कि मेरी मेड क्यों तोड़ दी तो इस बात पर रूष्ट होकर नृपत सिंह ने भतीजे चरन सिंह पर लाठी कुल्हाड़ी से हमला कर दिया, जिससे
भतीजे के हाथ व पैर में गंभीर चोटें आयी , गालियां देते हुए जाति सूचक शब्दों से अपमानित करते हुए जान से मारने की धमकी दी। तहरीर के आधार पर धारा ३२३, ५०४, ५०६ भा. द. सं. एवं धारा ३(१)१० एस.सी.
एस.टी एक्ट के तहत थाना शाहजहांपुर में मुकदमा पंजीकृत किया गया।
विवेचना उपरांत आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जहां प्रस्तुत साक्ष्यों एवं गवाहों के आधार पर अभियुक्त नृपत सिंह को धारा ३२३ भा.द.सं. के अन्तर्गत एक वर्ष के सश्रम कारावास व एक हजार रूपये अर्थदण्ड ,अर्थदण्ड अदा न करने पर ०१ माह के अतिरिक्त कारावास, धारा ५०४ भा.द.सं. के अन्तर्गत दो वर्ष के सश्रम कारावास एवं दो हजार रूपये अर्थदण्ड ,अर्थदण्ड अदा न करने पर अभियुक्त ०३ माह के अतिरिक्त कारावास ,धारा ५०६ भा.द.सं. के अन्तर्गत ०२ वर्ष के सश्रम कारावास व २००० रूपये अर्थदण्ड ,अर्थदण्ड अदा न करने पर ०३ माह के अतिरिक्त कारावास , धारा ३ (१)१० एस.सी.एस.टी एक्ट के अन्तर्गत तीन वर्ष के सश्रम कारावास एवं ३००० रूपये अर्थदण्ड ,अर्थदण्ड अदा न करने पर ०६ माह के अतिरिक्त कारावास की सज़ा सुनाई गई।












