मां शबरी सहरिया आदिवासी कल्याण समिति में धूमधाम से मनाई गई मां शबरी जयंती

झांसी। मां शबरी शहरी आदिवासी कल्याण समिति के तत्वाधान में बुंदेलखंड कालेज परिसर में धूम धाम से मनाई गई मां शबरी जयंती। कार्यक्रम में अतिथियों ने मां शबरी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम की शुरुआत की।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. रामबाबू हरित (पूर्व स्वास्थ्य राज्यमंत्री एवं पूर्व अध्यक्ष अनु. जाति आयोग उ. प्र सरकार) ने कहा कि मां शबरी अपने पिता का घर त्याग कर बली प्रथा का विरोध किया था। उन्होंने मतंग ऋषि के आश्रम में शिक्षा-दीक्षा प्राप्त कर तीनों लोक में सर्वश्रेष्ठ संत की उपाधि प्राप्त की थी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हरगोविंद कुशवाहा (राज्यमंत्री / उपाध्यक्ष अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान लखनऊ) ने कहा की माता शबरी का भगवान राम के प्रति अतुल्य प्रेम को कौन नहीं जानता। जब भगवान राम उनकी कुटिया में गए तो वे अति प्रसन्नता के साथ जंगल से चखकर मीठे बेर लाई और श्रीराम को दिए। हमें उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।

इसके पश्चात विशिष्ट अतिथि समाजसेवी डॉ. संदीप सरावगी ( प्रबंधक मां शबरी सहरिया आदिवासी कल्याण समिति रजि.) ने कहा की मां शबरी की श्रद्धा भक्ति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके मन में भगवान राम के प्रति कैसा प्रेम था। भगवान राम ने एक भिलनी जाति की महिला शबरी के जूठे बेर बड़े ही चाव से खाए थे। भगवान प्रेम के भूखे होते हैं। उनके लिए सभी मानव एक समान है। हमें भी किसी के प्रति भेदभाव नहीं रखना चाहिए। बल्कि समाज में एक साथ मिलकर रहना चाहिए, तभी समाज के हर तपके का विकास संभव है। मेरा संपूर्ण जीवन निःस्वर्थ भाव से मानव सेवा के लिए समर्पित है।

इस अवसर पर पवन गौतम (अध्यक्ष, जिला पंचायत), महेन्द्र रजक (पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष), डॉ. एस. के. राय, बी.एल भास्कर (अधिवक्ता अध्यक्ष ने अधिकार चौपाल), संतोष ठेकेदार (समाजसेवी), इं मोहन लाल सिंगरया, इं कमल गौतम, मां शबरी सहरीया आदिवासी कल्याण समिति(रजि.) से श्याम बिहारी गुप्त संरक्षक, संतराम पेंटर संरक्षक, दिनेश सहरिया महासचिव, मोहन सिंह सहरिया कोषाध्यक्ष, रानी सहरिया महिला सगंठन मंत्री, सिरनाम सहरिया महानगर अध्यक्ष, एवं संघर्ष सेवा समिति से अजय राय महानगर अध्यक्ष, इं विनोद वर्मा जिलाध्यक्ष ग्रामीण, पार्षद नीरज सिहोटिया, त्रिलोक कटारिया, राजीव कुमार, महेंद्र रायकवार, संदीप नामदेव, उत्तम सिंह पूर्व सरपंच सहित बड़ी संख्या में सहरिया समुदाय के लोग उपस्थित रहे। अंत में आभार गोपाल सहरिया ने व्यक्त किया।