झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में लगे पुस्तक मेला परिसर में बुधवार को भी मनमोहक सांस्कृतिक महफ़िल सजी। कलाकारों ने गीतों और नृत्यों की बेहतरीन प्रस्तुतियों से समा बांध दिया। नीरज ने गौवा के गोबर मंगाऊ अंगनवा लिपाऊं मैया आसन डोरे मोरे अंगना भजन गाकर कार्यक्रम की शुरुआत की। नीरज ने एक और भजन जग जननी जगतारिणी जग की पालनहार भजन भी सुनाया। उन्होंने ‘कद्र एक मोती की बढ़ गई नगीनों में, हम तो छोड़ आए हैं अपना दिल हसीनों में’ ग़ज़ल सुनाकर युवाओं की वाहवाही बटोरी।

कार्यक्रम की शुरुआत में बुविवि के संपत्ति अधिकारी प्रो डीके भट्ट का संयोजक मुन्ना तिवारी और शिक्षकों ने स्वागत किया। दर्शकों की बेहद मांग पर उन्होंने एक और गीत ‘एक प्यार का नगमा है,मौजों की रवानी है’ गाकर दर्शकों की वाहवाही हासिल की। रसायन शास्त्र विभाग की डा रेखा लगरखा ने एक गीत ‘वो तेरे प्यार का ग़म एक बहाना था सनम’ सुनाया। इसके रिया गुप्ता ने कुछ पंक्तियां सुनाई। बाद में रक्षा शर्मा ने अथक नृत्य पेश किया।

इस कार्यक्रम में डा श्रीहरि त्रिपाठी, डा नवीन चंद्र पटेल, डा जय सिंह, उमेश शुक्ल, डा प्रेमलता श्रीवास्तव, डा शैलेन्द्र तिवारी,डा द्युति मालिनी,डा सुनीता वर्मा, डा पुनीत श्रीवास्तव, डा प्रशांत मिश्रा, डा शुभांगी निगम, अतीत विजय, शाश्वत सिंह समेत अनेक लोग और विद्यार्थी उपस्थित रहे। वहीं दिनभर पुस्तक मेले में लोगों का जमावड़ा लगा रहा। लोगों की भीड़ आती जाती रही।