झांसी। मुठभेड़ में मारे गए असद व गुलाम को झांसी में दो मददगार एसटीएफ के शिकंजे में है। इन दोनों को बड़ागांव में छिपने में तो मदद दी ही थी साथ ही बाइक भी उपलब्ध कराई थी।

सूत्रों की मानें तो एसटीएफ उनसे उमेश पाल हत्याकांड में फरार अन्य लोगों के बारे में पूछताछ करने में जुटी है। एसटीएफ को अंदेशा है कि इन लोगों ने ही अन्य दूसरे बदमाशों को भगाने में मदद की है। गौरतलब है कि
अतीक के बेटे असद को उसी बड़ागांव इलाके में मार गिराया गया जहां से 17 मार्च को एसटीएफ ने अतीक अहमद गैंग को मदद पहुंचाने वाले दो फाइनेंसरों को उठाया था। उस समय एसटीएफ ने करीब दस घंटे लंबी पूछताछ के बाद उनको छोड़ दिया था लेकिन, गुरुवार को असद व गुलाम के इसी इलाके में मिलने से एसटीएफ गहराई से झांसी में माफिया अतीक के कनेक्शन तलाशने में जुट गई है। पिछले दिनों एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार के इस बात का खुलासा करने के बाद कि अतीक को छुड़ाने की असद साजिश रच रहा था। इसकी रेकी करने के लिए ही वह झांसी पहुंचा था।

पुलिस का दावा है कि असद को यकीन था कि अतीक को वापस साबरमती जेल इसी रास्ते से ले जाया जाएगा। ऐसे में झांसी में ही उसने छुड़ाने का प्लान बनाया था। अब पुलिस के सामने यह सवाल खड़ा हो गया कि इतनी बड़ी साजिश के पीछे झांसी में कौन-कौन लोग उसकी मदद कर रहे थे। किनके भरोसे असद इतनी बड़ी साजिश रच रहा था। पुलिस अब उस नेटवर्क को तलाशने में जुटी है।

गौरतलब है कि 17 मार्च को एसटीएफ ने बड़ागांव के पारीछा स्थित एक आवासीय कॉलोनी में दबिश देकर दो ठेकेदारों को उठा लिया था जबकि एक ठेकेदार पुलिस को चकमा देकर भाग निकला। एसटीएफ को आशंका थी कि यह ठेकेदार अतीक गैंग को फाइनेंस करते हैं। अतीक गैंग की मदद से इन लोगों ने प्रयागराज, कानपुर एवं झांसी में करोड़ों रुपये के ठेके हथियाए थे। करीब दस घंटे की पूछताछ के बाद उनको छोड़ दिया गया लेकिन, असद की बड़ागांव में पारीछा थर्मल पावर प्लांट से करीब आधा किलोमीटर दूर मिलने के बाद अब इनसे अतीक के तार फिर तलाशे जा रहे हैं। यह ठेकेदार भी थर्मल पावर प्लांट में ठेकेदारी करते हैं।