किरन के बगावत की हवा निकली, समर्थक आश्चर्य चकित 

झांसी। लग रहा था पूर्व मेयर किरण राजू बुकसेलर भाजपा के प्रत्याशी के विरोध में दमखम से चुनाव लड़ेंगी क्यों की टिकट नहीं मिलने से उनके प्रबल विरोध के स्वर मीडिया की सुर्खियां बनने के बाद से पार्टी के स्थानीय नेताओं और लखनऊ में बैठे पार्टी के आला पदाधिकारियों में बेचैनी शुरू हो गई थी। इसी के बाद नाटकीय घटना क्रम के चलते बगावती किरन राजू बुकसेलर ने चुनाव लड़ने का हठ छोड़ दिया। इसे राजनीतिक मजबूरियां समझा जाए या फिर प्रदेश अध्यक्ष द्वारा थमाया गया वह झुनझुना है जिसमें किरन को सुनहरा भविष्य नजर आ रहा है। इस सबसे इतर किरन के पलटी मारने से समर्थकों को बड़ा झटका लगा है।

दरअसल, भाजपा का टिकट नहीं मिलने से नाराज़ किरण राजू बुकसेलर द्वारा निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने के लिए नामांकन भर दिया। इससे पार्टी के नेताओं की बेचेनी बढ़ गई। पहले तो उन्हें स्थानीय नेताओं द्वारा मनाने का प्रयास किया, किंतु किरन अड़ी रहीं। स्थिति को देखते हुए प्रदेश नेतृत्व ने हस्तक्षेप किया और विधायक बबीना राजीव सिंह पारीछा व संजीव श्रृंगीऋषि को किरन को लखनऊ लाने की जिम्मेदारी सौंपी गई। लखनऊ में प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टीगत चर्चा के तहत न जाने क्या घुट्टी पिलायी कि जो कल तक अपने विरोध की तुलना वीरांगना लक्ष्मीबाई की तर्ज पर मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी से करने वाली पूर्व महापौर के विरोध की हवा निकल गयी और वह न केवल अपना नामांकन वापस लेने को सहर्ष तैयार हो गयीं बल्कि पार्टी के फैसले को भी सही बताने लगीं।

सूत्रों का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष द्वारा किरन को सुनहरे भविष्य झुनझुना थमा दिया। इसी झुनझुने ने उनकी चुनाव लड़ने व अपनी झांसी नहीं दूंगी के प्रलाप पर विराम लगा दिया। चौंकिये नहीं इसे ही कहते हैं राजनीति में न कोई स्थायी मित्र होता है और न ही कोई स्थायी शत्रु। जो सर्वोपरि होता है वह है स्वार्थ। इसी स्वार्थ ने बाजी पलटी और वह समर्थक ठगे रह गये जो कल तक बिहारी को बाहरी बता कर किरन का समर्थन कर रहे थे।

मालूम हो कि 17 अप्रैल को पूर्व मेयर किरन राजू बुकसेलर ने झांसी नगर निगम से भाजपा से बगावत कर निर्दलीय नामांकन किया था। नामांकन करते हुए उन्होंने भाजपा प्रत्याशी बिहारी लाल आर्य को बाहरी व्यक्ति बताते हुए कहा कि वह अपनी झांसी नहीं देने देंगी। लोगों का कहना है कि वह किस मुंह से बिहारी के समर्थन में जनता के बीच पहुंचकर जनसम्पर्क करेंगीं?