झांसी। अपर सत्र न्यायाधीश, न्याय कक्ष सं०-4,(बलात्कार सहित पॉक्सो अधि०) नीतू यादव के न्यायालय में दोनों पक्षों की सुनवाई उपरांत साक्ष्यों एवं गवाहों के आधार पर दोषसिद्ध अभियुक्त को दस वर्ष के सश्रम कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया गया।

विशेष लोक अभियोजक, चन्द्र प्रकाश शर्मा के अनुसार वादिनी मुकदमा ने बताया कि वह अपने पति व पांच बच्चों सहित कब्रिस्तान के पास थाना कोतवाली क्षेत्र में अपने पति के साथ एक गोदाम में प्लास्टिक छांटने का काम करती है व गोदाम में ही निवास करती है। इसी गोदाम में शीला अपने पुत्र मुकेश के साथ करीब 5 वर्षों से रहकर प्लास्टिक पन्नी छांटने का कार्य कर रही है। 26 जून 2019 को अपने पति के साथ अपने ग्राम सीगोन पूजा में शामिल होने के लिये गयी थी। शाम करीब 6 बजे पुत्र ‘दिनेश का फोन आया कि छोटी बहन को मुकेश भगाकर ले गया है। जब वह 28 जून 2019 को घर वापिस आई एवं जब जानकारी की तो ज्ञात हुआ कि दोपहर करीब एक बजे उसकी पुत्री पीड़िता जिसकी उम्र लगभग 14 वर्ष है, कचड़ा फेंकने गई थी एवं मुकेश भी प्लास्टिक का सामान बेच कर दोपहर करीब एक बजे से गायब है, दोपहर करीब एक बजे बल्लू व वादिया के पुत्र दिनेश ने पीड़िता को घर से बाहर कूड़ा डालने के लिये बाहर जाते देखा। जब उसने और जानकारी की तो ज्ञात हुआ कि मुकेश व उसकी मां शीला एवं भाई शिवपाल पुत्र हीरालाल, बल्लू पुत्र हीरा लाल निवासी-सीपरी बाजार सिंगनलपुरा ने षडयंत्र करके उसकी नाबालिग पुत्री को अपने पुत्र मुकेश के साथ भगाने में मदद की। उसको जानकारी हुई है कि मुकेश अपनी बहन श्रीमती तिज्जन मुहल्ला कटरा कानपुर में उसकी पुत्री को लेकर भाग गया है। आशंका है कि मुकेश उसकी नाबालिग पुत्री से जबरन‌‌ विवाह कर सकता है। मुकेश व उसके परिवार वाले सर्कस किस्म के व्यक्ति है। पूर्व में मुकेश का भाई बब्लू भी लड़की को भगा कर ले आया था।

पुलिस ने विवेचना उपरान्त आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। जहां प्रस्तुत साक्ष्यों एवं गवाहों के आधार पर दोषसिद्ध अभियुक्त मुकेश बरार पुत्र हीरालाल, निवासी खालसा इण्टर कालेज, सीपरी बाजार झांसी को धारा 363 भा०दं०सं० में 5 वर्ष के सश्रम कारावास व पांच हजार रूपये अर्थदण्ड ,न अदा करने पर अभियुक्त को 2 माह का अतिरिक्त कारावास ,366 भा०दं०सं० में 7 वर्ष के सश्रम कारावास व सात हजार रूपये अर्थदण्ड ,अदा न करने पर अभियुक्त को 4 माह का अतिरिक्त कारावास ,धारा-376 भा०दं०सं० में 10 वर्ष के सश्रम कारावास व दस हजार रूपये अर्थदण्ड , अर्थदण्ड अदा न करने पर दोषसिद्ध अभियुक्त को 6 माह का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा।