विद्युत घाटा वर्ष 2000 में 79 हजार करोड था जो अब एक लाख करोड़ हो गया 
लखनऊ । उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन के संरक्षक सतनाम सिंह ने राज्य में चल रहे विद्युत संकट के लिए पावर कारपोरेशन के मनमाने निर्णय, अकुशल प्रबन्धन और बेवजह की जा रही उत्पीड़न कार्रवाई को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र में बताया है कि किस तरह राज्य में विद्युत उपभोक्ताओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई और कारपोरेशन के कर्मचारियों की संख्या में भारी कमी कर दी गई।
सतनाम सिंह ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि इस बात की गहराई से जांच होनी चाहिए की मुख्यालय में कंसल्टेंट की नियुक्ति कैसे मनमाने ढंग से की गई और उस पर कितना आर्थिक भार आया है। वास्तव में कंसलटेंट जमीनी स्तर पर क्या क्षेत्र का दौरा करते हैं या वह मुख्यालय में बैठकर की खानापूर्ति कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद को तोड़कर पावर कारपोरेशन के गठन के समय कल्पना की गई थी कि इस कदम से राज्य में विद्युत व्यवस्था सुधरेगी और वितरण प्रणाली में अप्रत्याशित सुधार होगा लेकिन आंकड़े बताते हैं की वर्ष 2000 में विद्युत घाटा 79 हजार करोड था जो अब बढ़कर एक लाख करोड़ पहुंच गया है। यही नहीं उस समय राज्य में विद्युत कर्मचारियों की संख्या एक लाख थी जो घट कर अब 35 हजार हो गई है । स्पष्ट है की विद्युत उपभोक्ताओं की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है और कर्मचारियों की संख्या घटा दी गई । इन हालातों में विद्युत व्यवस्था में सुधार की बात की जा रही है। उन्होंने उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में यह भी कहा है की पावर कारपोरेशन को प्रबंधकीय कौशल के साथ चलाने के स्थान पर प्रशासनिक ढांचे में बदल दिया गया है और इस कमी को छुपाने के लिए सिर्फ कर्मचारियों और इंजीनियर को प्रताड़ित किया जा रहा है । बिना जांच के निलंबन और बर्खास्तगी की जा रही हैं प्रतिकूल प्रविष्टि जा रही है इससे विद्युत परिषद पावर कारपोरेशन में भय का माहौल है। योग्य कर्मचारियों का मनोबल गिर रहा है । उन्होंने यह भी मांग की है की विद्युत वितरण की जो व्यवस्था केंद्रीकृत कर दी गई है उसका विकेंद्रीकरण किया जाए और कर्मचारियों और अधिकारियों को स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने का अधिकार दिया जाए। यदि कहीं अव्यवस्था है तो इसके लिए सर्वोच्च प्रबंधन और उच्च प्रबंधन की जिम्मेदारी तय हो न कि सर्फ कर्मचारियों को दोषी ठहराया जाए यह उचित भी नहीं है।
सतनाम सिंह ने मुख्यमंत्री से अनुरोध करते हुए इस संकल्प को दोहराया कि वर्तमान बिजली संकट को दूर करने के लिए ऊर्जा क्षेत्र के सभी जूनियर इंजीनियर एवं विद्युत कर्मी पूरी मेहनत, निष्ठा और ईमानदारी के साथ उनके निर्देशों के अनुरूप कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और रहेंगे।