रेलकर्मी द्वारा मानवीय संवेदना पर किया गया प्रशंसनीय कार्य

झांसी । 5 जुलाई को गाड़ी संख्या 19483 में यात्रा कर रही महिला बांदा स्टेशन पर उतर गयी, स्टेशन पर उतरने तथा गाडी के चित्रकूट की ओर निकल जाने के बाद महिला को ध्यान आया कि उसका 11 साल का बच्चा गाडी में ही छूट गया है, तदुपरांत महिला रोती हुई रात्रि 3:30 बजे उप मुख्य टिकट जांच कर्मी इंद्र मणि के पास पहुची, जहाँ से इंद्र मणि त्वरित इन्हें ऑन ड्यूटी स्टेशन मास्टर के पास ले गए |

इस मामले में जानकारी एकत्रित करने के उपरान्त स्टेशन मास्टर त्वरित रूप से बालक को खोजने में लग गए,  गाड़ी बांदा के बाद सीधे चित्रकूट में रूकती है, अतः स्टेशन मास्टर बाँदा ने स्टेशन मास्टर चित्रकूट को घटना से अवगत कराया, गाडी की वास्तविक स्थिति पता लगायी गई तो ज्ञात हुआ की गाडी खुरहंड में क्रासिंग प्राथमिकता में खड़ी हो रही है | इस पर खुरहंड में कार्यरत स्टेशन मास्टर अचल राज दुबे के माध्यम से कई कोचों में बच्चे को तलाश किया गया। रात्री का समय तथा गाड़ी में अत्यधिक भीड़ होने के कारण भारी मशक्कत के बाद बालक S1 कोच में सोते हुए मिल गया | जिसको खुरहंड से बांदा आ रही गाड़ी संख्या 01816 के गार्ड राजेश वर्मा के द्वारा वापस बांदा लाया गया। इसके बाद उसे जब उसकी मां को सौंप गया दोनों की खुशी की सीमा नहीं रही। मां बेटे की खुशी देखकर सभी कर्मचारियों को अति प्रसन्नता हुई। जानकारी पर पता चला कि उक्त लोग बागेश्वर धाम बालक का इलाज कराने गए थे, उसकी मां एवं परिजनों ने रेलवे के द्वारा तत्परता से किए गए कार्य की अत्यधिक प्रशंसा की।