अब हिंदुओं के लिए विशेष हिंदू कानून और पुजारियों को आरक्षण से मुक्त कराया जाना चाहिए 

झांसी हिंदू राष्ट्र के समर्थक व प्रखर वक्ता पत्रकार सुरेश चौहान ने दावा किया कि हमारी विरासतों का इस्लामीकरण कर उनका अपहरण किया जा रहा है। अपने देश व विरासत को इस्लामीकरण से बचाने के लिए अब हर नारी को रानी के रूप में उभरते हुए कहना होगा कि हम अपना भारत नहीं देंगे, हिंदुस्तान का इस्लामीकरण नहीं होने देंगे। इतिहास और विरासत का सबसे बड़ा महत्व है, इसका इस्लामीकरण नहीं होना। 

श्री चव्हाण झांसी में दीनदयाल सभागार में कवि मदन गोपाल विरथरे मार्तण्ड के संयोजन में हिन्दू समन्वय समिति द्वारा ‘‘ऐतिहासिक धरोहरों का इस्लामीकरण’’ जैसे ज्वलन्त विषय पर जागरूकता हेतु संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारे यहां हर व्यक्ति के अंदर ईश्वर है। इस संसार में एक कहावत है कि जो सब कुछ छोड़ खड़ा है वह सबसे बड़ा है। इसी लिए झांसी की रानी लक्ष्मीबाई विश्व में विख्यात है। उन्होंने हिन्दुस्तान का इस्लामीकरण नहीं होने देंगे, इतिहास का इस्लामीकरण नहीं होने देंगे, विरासत का इस्लामीकरण नहीं होने देंगे का संदेश देते हुए बताया इतिहास व धरोहरों का बड़ा महत्व है। व्यक्ति भी धरोहर है, महारानी लक्ष्मीबाई भी हमारी धरोहर है। झांसी की रानी भगवान शिव की शिष्या थी।

उन्होंने बताया कि खाकी शाह की मजार पर कहा कि उसे 500 वर्ष पुराना बताया जा रहा है। उस पर कहा कि 250 वर्ष पहले ही आया। अयोध्या पर बाबरी मस्जिद बनाकर धरोहर का अपहरण किया जा रहा था। ऐसा ही हाल कृष्ण जन्मभूमि का है। काशी कॉरिडोर बन गया, ज्ञानवापी अभी शेष। आख़री मुगल बहादुर शाह जफर था। सिंधिया परिवार देता था वेतन तो वह बादशाह हुआ या नौकर। उन्होंने बताया कि जिन्होंने अंग्रेजी सल्तनत को सहयोग किया वह बचे रहे। इस्लामी रियाश्तों ने गद्दारी की तभी पराजय मिली और किसी भी इस्लामी रियाशतों को नहीं हटाया गया। चांदनी चौक भी बहादुर शाह जफर का नहीं था। उसका कार्य क्षेत्र ग्राम पंचायत से बड़ा नहीं था। पानीपत का तीसरा युद्ध मराठों व अब्दाली के बीच हुआ। शिवाजी महाराज ने जब हिन्दू राष्ट्र की स्थापना की तो हिन्दू राष्ट्र नाम रखा। अब्दाली युद्ध हारा था। यदि जीतता तो राज्य करता। 15 अगस्त से पानीपत युद्ध तीन से जोड़ना चाहिए। इसे मकर संक्रांति से जोड़ना चाहिए।

उन्होंने बताया कि पार्टी बदलती है तो इतिहास बदल जाता है। अकबर कभी महाराणा प्रताप के सामने नहीं गया,  वह डरता था। शेर कभी घास नहीं खाता। घास की रोटी प्रचारित किया गया। ऐसे ही कल्पना थोपी जाती है। औरंगजेब कभी महाराष्ट्र, राजस्थान नहीं जीत पाया, नेपाल कभी गुलाम नहीं था। आज से कहना शुरू करिए कि हिंदुस्तान कभी गुलाम नहीं रहा। ऐसी बातों को न बोलें। 100 वर्षो से झूठ बोला जा रहा कि देश गुलाम रहा। उन्होंने कहा कि 5 अप्रैल 1770 बैटल ऑफ गोबर्धन को सर्च करें। उसमें बताया कि 100 वर्ष बाद कृष्ण जन्म भूमि की मस्जिद तोड़ी गई। 235 वर्ष पूर्व मुक्त किया था कृष्ण जन्मभूमि को। नोट पर तो रानी झांसी की तस्वीर होनी चाहिए थी और एक गाल पर थप्पड़ के स्थान पर मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी की गूंज होना चाहिए। मैं मानता हूं कि पश्चिम ने साधन बनाए साधना तो यहीं के लोंगो ने की। तकनीकि को बताया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आया है।

उन्होंने बताया कि 4 लाख रोहांगया आए थे और उन्होंने एक वर्ष में 1 लाख बच्चे पैदा किए। 71 देशों के घुसपैठिए भारत में है। हिंदुस्तान एकमात्र ऐसा देश जहां कम बच्चों का ज्यादा टैक्स दिया जाता है और घुसपैठिए बिना कोई टैक्स दिए पल रहे। मुसलमानों की साढ़े 18 परसेंट जनसंख्या पर 36 परसेंट आवास मुस्लिमों को दिए गए। देश की जनता यह तय करे कि एक विशेष तिथि तक घुसपैठियों को बाहर निकाला जाए। एक से अधिक बीवी और दो से अधिक बच्चे पैदा करने वालों को कोई सरकारी सुविधा नहीं मिलनी चाहिए, यह तय होना चाहिए। आप सभी एक घंटे टीवी, मोबाइल बंद कर परिवार प्रबोधन करते हुए धर्म की चर्चा करिए। यह वर्ष शिवाजी महाराज के हिन्दू राष्ट्र स्थापना का 350वां वर्ष मनाया जा रहा है। हिन्दू के लिए लाना चाहिए विशेष हिन्दू कानून। हिन्दुस्तान के मंदिरों को सरकारों से मुक्त होना चाहिए।

अंत में उन्होंने लोगों से संवाद करते हुए उनके प्रश्नों के उत्तर भी दिए। कार्यक्रम का शुभारम्भ सर्वप्रथम माँ भारती की आराधना व दीप प्रज्जवलन व अतिथियों के सम्मान से विधिवत किया गया। तत्पश्चात राजेश त्रिपाठी, पवन सरावगी, सुजीत तिवारी आदि ने मुख्य अतिथि व सन्तों का सम्मान माल्यापर्ण कर बुंदेली वाद्य रमतूला व करतल ध्वनि से किया गया । मंचासीन संतों नगर धर्माचार्य हरिओम पाठक, ज्ञानी महेन्द्र सिंह, बसंत विष्णु गोलवलकर, लल्लन महाराज एवं जिला धर्माचार्य विष्णु दत्त स्वामी, योगी अखाडा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ब्रह्मचारी जी समेत संघ के विभाग प्रचारक अखण्ड प्रताप, डॉ. धन्नू लाल गौतम, एमएलसी डा.बाबूलाल तिवारी व रामनरेश तिवारी भी मंच पर रहे। राष्ट्रकवि मार्तण्ड द्वारा अपनी ओजस्वी कविता पाठ व नारों से झॉसी के बीच राष्ट्र व धर्म रक्षार्थ अपनी सौगन्ध से भाव विभोर किया ।

कार्यक्रम में नगर निगम के उपसभापति सुशीला गोकुल जमावड़े, आंचलिक अरजरिया, सोहन पटैरिया, अरविंद केजरीवाल, अनुज त्रिया, हेतराम रामायणी, अर्पित शर्मा, मनोज कुशवाहा, गणेश कुशवाहा, सनद जैन, अखण्ड प्रताप सिंह, रवि गुप्ता, जे.पी. गुप्ता सी.ए., पवन सरावगी, रामजी परिहार, डी.के.जी. पाठक, संदीप सरावगी, रमेश अग्रवाल, पंकज गुप्ता, विनोद स्कूल, विकास प्रमुख, अतुल मिश्रा, पुरुकेश अमराया, दीपेंद्र सिंह, वीरेश्वर शुक्ला, अशोक आनंदानी, प्रदीप पटेल, अजय शर्मा, इं. मुरलीधर नगाइच, नरेश गुप्ता, एम.एस.निगम, रजनी गुप्ता, कंचन आहूजा, डा.ऊषा सैन, डा.महेंद्र शर्मा, अनिल महर्षि सुपरस्टार आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्र भक्त संगठन के सांस्कृतिक अध्यक्ष क्षेत्रीय अजारिया एवं संयोजक रामजी परिहार ने किया।