नेत्र दान, महादान, धरती बचाओ-स्कूटर बाइक छोड़ो, साइकिल चलाओ का दिया संदेश 

झांसी। झांसी के सीपरी बाजार निवासी जिला अस्पताल में नेत्र विभाग में कार्यरत आदित्य साहू ने विश्व के सबसे ऊंचे रास्ते उमलिगंला पास 1900 फिट से भी अधिक ऊंचाई बहुत कम आक्सीजन लेबिल होते हुए भी 750 किमी से भी अधिक साइकिल से यात्रा कर रिकार्ड बना कर वीरांगना लक्ष्मीबाई की झांसी को गौरवान्वित किया है। आदित्य साहू पूर्व में भी दुर्गम मार्ग पर साइकिलिंग कर उपलब्धि हासिल कर चुके हैं।

झांसी निवासी आदित्य साहू ने अपनी साईकिल यात्रा लेह से प्रारम्भ कर लेह में 11 दिन में 25 जुलाई 23 को सफलतापूर्वक समाप्त की। उन्होंने साहू जागरण डॉट कॉम ( हिन्दी न्यूज़ पोर्टल) से यात्रा की दुश्वारियों से भरे संस्मरण साझा किये। उन्होंने बताया कि उनके हम सफर कुछ दूसरे साथी शायद इतने भाग्यशाली नहीं रहे। मार्ग में उनका एक साथी गिर कर घायल हुआ रिब्स टूट गयी मैक्स दिल्ली में दो दिन बाद उसका ओप्रेशन किया गया। यात्रा के दौरान दुर्गम मार्ग पर दूसरे अनेक साथियों को छोटी-छोटी चोटें आयी और बीमार भी हुऐ और कयी लोगो को अपनी यात्रा को बीच में ही छोड़ना पड़ी।

उन्होंने बताया कि उनके ग्रुप में 6 MD डाक्टर, पुणे के सबसे बड़े डाक्टर पाटिल तथा भोपाल एम्स ट्रॉमा सेन्टर के प्रमुख डॉ यूनुस जैसे लोग भी राइडिंग कर रहे थे। आदित्य ने कहा कि वह भी थोड़ा अस्वस्थ हुए , किंतु हिम्मत नहीं हारी और चुनौतियों का मुकाबला किया। इस यात्रा में उन्हें दूसरे सबसे ऊंचे टंगलागला तथा नेबुरा पास से भी निकलना पड़ा परन्तु उन्होंने हम सफर झांसी के मित्र वीरेन्द्र ने इन दुर्गम चुनौतियों को स्वीकार करते हुए इसे पूरा किया।

इस यात्रा में आदित्य द्वारा नेत्र दान, महादान, धरती बचाओ-स्कूटर बाइक छोड़ो, साइकिल चलाओ जैसे स्लोगन का प्रदर्शन / उपयोग कर संदेश दिया। इसे सभी साइकिलिस्ट साथियों ने बहुत पसन्द किया एवं इसको पूर्ण रूप मानने में विश्वास व्यक्त किया। इससे आदित्य का जबरदस्त उत्साहवर्धन हुआ। उन्होंने कहा कि “जिन्होंने उन्हें इस कार्य हेतु उत्साहित किया, मान बढ़ाया कि वह अपने जीवन में इससे भी अधिक या अपनी क्षमता से भी अधिक कुछ और ऐसा कर सकूं,का मै ह्रदय से आभारी हूं।”