झांसी। उमरे के झांसी मंडल के मंडलीय रेलवे अस्पताल में तैनात चर्चित सीनियर डॉक्टर की विवादों की श्रृंखला बढ़ती ही जा रही है। गुरुवार को झांसी के आवास विकास कालोनी निवासी रेलकर्मी अरविंद कुमार शुक्ला ने दो वर्ष पूर्व अपने बेटे अक्षत शुक्ला के इलाज में लापरवाही से मौत का जिम्मेदार सीनियर डाक्टर को ठहराया है। रेल प्रशासन से इस मामले में शिकायतें करते करते थक चुके शुक्ला आरोपी डॉक्टर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शुक्ला ने मंडलीय अस्पताल के द्वार पर स्वर्गीय बेटे की अस्थियां व तस्वीर रखकर भूख हड़ताल शुरू की है। उन्होंने रेल प्रशासन से उक्त डॉक्टर के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। बता दें कि कुछ दिन पहले भी अस्पताल कर्मी को धमकाने के मामले में इसी डॉक्टर के खिलाफ रेलवे यूनियन एनसीआरईएस ने जोरदार प्रदर्शन किया था।

न्याय के लिए धरना पर बैठे पीड़ित अरविंद शुक्ला ने बताया कि 27 अप्रैल 2021 को उन्होंने बीमार होने पर अपने 24 वर्षीय इकलौते बेटे को रेलवे अस्पताल में भर्ती कराया था। हालत में सुधार न होने पर उन्होंने बेटे का इलाज कर रहे सीनियर डॉक्टर से बेटे को दिल्ली रिफर करने की मांग की। आरोप है कि डॉक्टर ने इसके एवज में उनसे 10 हजार रुपयों की मांग की और न देने पर बेटे को मेडिकल कॉलेज रिफर किया गया, लेकिन वहां पलंग न होने से वापस रेलवे अस्पताल भेज दिया गया। इस पर डॉक्टर से दिल्ली रिफर करने की मांग की, लेकिन वह रुपये दिए बिना रिफर न करने पर अड़े रहे।

इसके बाद परेशान होकर वह अपने बेटे को भोपाल ले गए, जहां उसकी मौत हो गयी। अरविंद का आरोप है कि रेलवे अस्पताल के सीनियर डॉक्टर द्वारा रिफर में देरी के कारण उनके बेटे की मौत हुई। आरोप है कि डॉक्टर ने अपने दबंग लोगों द्वारा उन्हें धमकी भी दिलवाई। उन्होंने बताया बेटे की मौत के बाद से ही वह लगातार इस मामले में कार्यवाही की मांग कर रहे हैं, अब मजबूरन उन्हें भूख हड़ताल पर बैठना पड़ा। अरविंद की मांग है कि ऐसे डॉक्टर व उसके दबंग साथियों पर कार्यवाही कर न्याय दिलाया जाए तभी उसके बेटे की आत्मा को शांति मिलेगी।

अपने बेटे की अस्थियों के साथ एक लड़ाई लड़ना आसान नही हैं एक बाप के लिए बहुत मुश्किल हैं अपने बेटे की अस्थियों को साथ रखना । हे भगवान ऐसा दिन किसी को न दिखाए।